
Google Chrome ऐसा Web Browser है, जिसका इस्तेमाल दुनिया भर में सबसे अधिक किया जाता है। लाखों यूजर अपनी डेली रूटीन के लिए खास तौर से Android स्मार्टफोन यूजर्स इसका इस्तेमाल करते हैं। ऐसा माना जाता है कि क्रोम का इस्तेमाल सबसे आसान है और यह सिक्योर इंटरनेट ब्राउजर्स में से एक है।
सेफ्टी को बनाए रखने के लिए, Google लगातार अपडेट रोल आउट करता है। Google Chrome के लिए ये अपडेट नए फीचर्स और सेफ्टी पैच से लैस हैं। हालांकि Google यूजर्स को उनके Chrome Browser के लेटेस्ट वर्जन को इस्तेमाल करने की सलाह देता है। इससे यूजर्स को अधिक सेफ इंटरनेट सर्फिंग का एक्सपीरियंस मिलेगा।
कई बार यूजर उपयोग में आसानी, हार्डवेयर की दिक्कत या लो स्टोरेज की वजह से Google Chrome Browser के पुराने वर्जन का इस्तेमाल करते रहते हैं। हालांकि ऐसा करने पर उन्हें बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता है। दरअसल पुराने क्रोम वर्जन में कुछ खामियां पाई गई हैं और इससे यूजर्स को बड़ा नुकसान हो सकता है। इसे देखते हुए भारत सरकार ने गूगल क्रोम यूजर्स के लिए चेतावनी जारी की है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Electronics and IT Ministry) के तहत इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पोंस टीम (CERT-In) ने खुलासा किया है कि Google Chrome वर्जन में बग्स की जानकारी दी गई है। इसके साथ रिमोट अटैकर मनमाना कोड एग्जीक्यूट करता सकता है और टारगेट सिस्टम की जरूरी डिटेल को एक्सेस कर सकता है। इन बग्स का असर अबसे ज्यादा Apple Mac और Linux के लिए 109.0.5414.119 से पहले के Google Chrome वर्जन और Microsoft Windows के लिए 109.0.5414.119/120 से पहले के वर्जन के यूजर्स पर पड़ेगा।
CERT-In के मुताबिक, WebTransport, WebRTC और GuestView में मुफ्त के बाद इस्तेमाल और ServiceWorker API में टाइप कन्फ्यूजन एरर के कारण Google Chrome ब्राउजर में यह बग मौजूद है।
कोई भी रिमोट अटैकर विक्टिम को मैलिशियस वेब पेज पर जाने के लिए राजी करके इन खामियों का फायदा उठा सकता है। ऐसे में किसी भी तरह की ठगी से बचने के लिए, आपको Google Chrome ब्राउजर के लेटेस्ट वर्जन का इस्तेमाल करना चाहिए।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Swati Jha
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