
Written By Manisha
Published By: Manisha | Published: Aug 09, 2023, 07:59 PM (IST)
Digital Personal Data Protection Bill 2023 को आज बुधवार को राज्यसभा में पास कर दिया गया है। इससे पहले सोमवार को इसे लोकसभा में पास किया गया था। दोनों सदनों में पास होने के बाद इस बिल को अब बस राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलना बाकी है। राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून बन जाएगा। और पढें: Digital Personal Data Protection Bill बना कानून, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिली मंजूरी
लोकसभा के बाद आज बुधवार को Digital Personal Data Protection Bill 2023 राज्यसभा में पास हो गया है। इसे केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा 3 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था। 7 अगस्त को यह बिल लोकसभा में पास हुआ और अब दो दिन बाद आज बुधवार को इसे राज्यसभा में पास कर दिया गया है। और पढें: Digital Personal Data Protection Bill, 2023 लोकसभा में हुआ पास, डेटा के गलत इस्तेमाल पर लगेगा 250 करोड़ तक का जुर्माना
आपको बता दें, इस बिल को साल 2017 के सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के 6 साल बाद लाया गया है, जिसमें ‘राइट टू प्राइवेसी’ को नागरिकों का मौलिक आधिकर माना गया है। यह बिल भारतीय यूजर्स के निजी डेटा को सुरक्षा प्रदान करेगा। साथ ही यूजर्स के डेटा का गलत इस्तेमाल करने वाली कंपनियों की मनमानी पर लगाम लगाएगा। आइए जानते हैं पूरी डिटेल। और पढें: Digital Personal Data Protection Bill 2023 से आम यूजर के लिए क्या बदलेगा? यहां जानें हर सवाल का जवाब
-सुप्रीम कोर्ट के ‘राइट टू प्राइवेसी’ मौलिक अधिकार के फैसले के बाद यह बिल भारतीय नागरिकों के निजी डिजिटल डेटा की सुरक्षा करेगा।
-इस बिल में प्रावधान है कि कोई कंपनी व संस्था बिना यूजर की इजाजत के उनके निजी डेटा को एक्सेस नहीं कर सकती।
-इसके अलावा, कोई कंपनी व संस्था किसी यूजर्स से ऐसे डेटा की मांग नहीं कर सकती, जिसकी सर्विस ग्राहक को प्रोवाइड नहीं कर रहे।
-यूजर्स का डेटा एक्सेस करने वाली कंपनियों को यूजर्स के डेटा की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी दी गई है। अगर यूजर्स के डेटा का दुरुपयोग होता है, तो उसके लिए डेटा एक्सेस करने वाली कंपनी को दोषी पाया जाएगा।
-हर कंपनी को अपनी फर्म में एक डेटा प्रोटेक्शन ऑफिसर नियुक्त करना होगा।
-अगर यूजर्स का स्टोर डेटा कॉम्प्रोमाइज होता है या फिर लीक होता है, तो कंपनियों को तुरंत डेटा प्रोटेक्शन बिल के तहत इसकी रिपोर्ट बोर्ड और यूजर्स को करनी होगी। यदि कंपनी डेटा लीक की जानकारी छिपाती है, तो इसे भी इस बिल का उल्लंघन माना जाएगा।
-कंपनियां बच्चों व शारीरिक तौर पर कमजोर लोगों के डेटा को उनके अभिभावकों की इजाजत के बाद ही एक्सेस कर सकती हैं।