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ChatGPT का डेटा लीक, भारतीय यूजर्स हो सकते हैं फ्रॉड का शिकार

ChatGPT के डेटा लीक की नई घटना सामने आई है। एक सिक्योरिटी फर्म का दावा है कि 1 लाख से ज्यादा AI चैटबॉट का डेटा हैकर्स के हाथ लग गया है, जिनमें सबसे ज्यादा भारतीय यूजर्स शामिल है।

Published By: Harshit Harsh | Published: Jul 14, 2023, 04:33 AM (IST)

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Highlights

  • ChatGPT के 1 लाख से ज्यादा यूजर्स का डेटा लीक हो गया है।
  • इस डेटा लीक में सबसे ज्यादा भारतीय यूजर्स शामिल हैं।
  • सिक्योरिटी फर्म का दावा है कि हैकर्स इसके जरिए बड़ा फ्रॉड कर सकते हैं।
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ChatGPT के एक लाख से ज्यादा यूजर्स का डेटा लीक होने की खबरें सामने आ रही है। एक सिक्योरिटी फर्म का दावा है कि इस डेटा लीक की वजह से हजारों यूजर्स साइबर फ्रॉड के शिकार हो सकते हैं। हालांकि, सिक्योरिटी फर्म ने यह बताया है कि ये डेटा लीक डायरेक्ट चैट जीपीटी के जरिए नहीं हुआ है। इससे पहले भी मई में OpenAI ने यूजर डेटा लीक को कंफर्म किया था, जिसकी जांच FTC यानी Federal Trade Commission करने वाली है। अमेरिकी एजेंसी ने इसे लेकर कंपनी को 20 पन्नों का नोटिस भेजा है, जिसमें OpenAI से डेटा लीक की वजहों को पूछा गया है। news और पढें: OpenAI ने ChatGPT में किया बड़ा बदलाव, Advanced Voice Mode को सीधे चैट इंटरफेस में जोड़ा, मिलेगा ये फायदा

यूजर्स के क्रेडेंशियल्स में सेंध

साइबर सिक्योरिटी फर्म Group-IB ने दावा किया है कि साइबर अपराधियों और हैकर्स ने ChatGPT क्रेडेंशियल्स के जरिए करीब 1 लाख (1,01,134) यूजर्स के डिवाइस में सेंध लगाई है। हैकर्स ने यूजर्स की डिवाइस में सेंध लगाकर उनकी जरूरी निजी डिटेल्स जैसे कि ई-मेल आईडी, पासवर्ड, फोन नंबर आदि चुरा लिए हैं। हैकर्स इन सेंसेटिव जानकारियों का दुरुपयोग कर सकते हैं। यूजर्स की निजी जानकारियां कंप्रोमाइज्ड होने की वजह से कभी भी उनके साथ फ्रॉड हो सकता है। रिपोर्ट की मानें तो इसमें सबसे ज्यादा भारतीय यूजर्स के अकाउंट शामिल हैं। सिक्योरिटी फर्म का कहना है कि ChatGPT यूजर्स के चुराए गए डेटा को साइबर क्रिमिनल्स डार्क वेब पर खुलेआम बेच रहे हैं। news और पढें: ChatGPT ने लॉन्च ‘Shopping Research’ फीचर, अब ऑनलाइन खरीदारी होगी और भी आसान

इस तरह लगा रहे सेंध

फर्म का कहना है कि हैकर्स यूजर्स का डेटा चुराने के लिए उनके डिवाइस में इंफो-स्टीलिंग मेलवेयर इंजेक्ट कर देते हैं। यह मेलवेयर यूजर्स के डिवाइस में मौजूद ब्राउजर में से उनके यूजरनेम और पासवर्ड यानी क्रेडेंशियल्स की चोरी करते हैं। मेलवेयर इंजेक्ट करने के लिए साइबर क्रिमिनल्स SMS या अन्य कम्युनिकेशन टूल के जरिए इंफेक्टेड लिंक भेजते हैं। news और पढें: OpenAI ने लॉन्च किया ChatGPT for Teachers, अब टीचर्स के लिए आया स्पेशल AI Tool

यूजर द्वारा मेलवेयर डाउनलोड करने के बाद उनका डिवाइस कंप्रोमाइज्ड हो जाता है। साइबर क्रिमिनल्स न सिर्फ यूजर के ChatGPT अकाउंट को एक्सेस कर पा रहे हैं। बल्कि यूजर द्वारा की गई बात-चीत की हिस्ट्री को भी एक्सेस कर पा रहे हैं। चैट हिस्ट्री की मदद से हैकर्स यूजर्स की अन्य कई सेंसेटिव जानकारियां भी चुरा सकते हैं।

ChatGPT के खिलाफ जांच शुरू

दूसरी तरफ अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन ने ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। कमीशन यह जांच मई में हुए डेटा लीक को लेकर कर रही है। एजेंसी का कहना है कि कंपनी ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन लॉ का उल्लंघन किया है। एजेंसी जांच करेगी कि कंपनी यूजर्स का डेटा किस तरह से हैंडल कर रही है। इससे पहले भी FTC ने Meta, Amazon, Google जैसी कंपनियों के खिलाफा डेटा लीक को लेकर जांच कर चुका है।