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Chandryaan 3: चांद पर आज होगी सुबह, ISRO ने बताया इस दिन जागेंगे प्रज्ञान और विक्रम

Chandrayaan 3 का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दोबारा जागने वाले हैं। ISRO ने 2 सितंबर को इसे स्लीप मोड में डाल दिया था। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 20 सितंबर यानी आज सूर्योदय होगा।

Published By: Harshit Harsh

Published: Sep 20, 2023, 06:41 PM IST

Chandrayaan3-lander

Story Highlights

  • Chandrayaan 3 का लैंडर और रोवर दोबारा जागने वाले हैं।
  • चांद के दक्षिणी ध्रुव पर आज सूर्योदय होने वाला है।
  • इसरो दोबारा चंद्रयान 3 के लैंडर और रोवर से संपर्क स्थापित किया जाएगा।

Chandrayaan 3 का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दोबारा जागने वाले हैं। ISRO ने X पोस्ट के जरिए बताया कि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित शिव शक्ति प्वाइंट पर आज यानी 20 सितंबर को सूर्योदय होगा। पिछले महीने 23 अगस्त को चंद्रयान 3 ने शिव शक्ति प्वाइंट पर सफल लैंडिंग करके इतिहास रच दिया था। ISRO दुनिया की पहली स्पेस एजेंसी है, जिसने दक्षिणी ध्रुव के इतने करीब अपना अतंरिक्षयान उतारा है। 2 सितंबर को चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर अपना काम पूरा करके स्लीप मोड में चले गए थे। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रूव पर लूनर नाइट के दौरान तापमान माइनस 200 डिग्री के करीब रहता है।

इस दिन जागेंगे प्रज्ञान और विक्रम

ISRO ने अपने X पोस्ट में लिखा है, शिवशक्ति प्वाइंट पर आज यानी चांद पर सूर्योदय होने की संभावना है। जल्द ही विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को सही मात्रा में सूर्य की रोशनी मिलने लगेगी। ISRO अब इनके गर्म होने का इंतजार कर रहा है। इनका तापमान बढ़ने के बाद इनके साथ 22 सितंबर को फिर से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की जाएगी। 22 सितंबर को इसरो चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर से संपर्क स्थापित करने के बाद एक बार फिर से चांद पर अपना मिशन शुरू कर सकता है।

23 अगस्त को चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग होने के बाद 2 सिंतबर तक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर कई रिसर्च किया। 2 सितंबर को इसरो ने प्रज्ञान रोवर के APXS और LIBS पेलोड्स को शटडाउन कर दिया था। इन दोनों पेलोड्स से इसरो ने डेटा ट्रांसफर कर लिया था और इसे स्लीप मोड में डाल दिया था। हालांकि, स्लीप मोड में जाने से पहले प्रज्ञान की बैटरी पूरी फुल चार्ज थी। इसरो ने प्रज्ञान रोवर के सोलर पैनल को सूर्य की तरफ घूमा दिया था, ताकि चांद पर सूर्योदय होने के साथ पैनल पर पूरी मात्रा में रोशनी मिल सके।

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22 सितंबर से चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर एक बार फिर से एक्टिव हो जाएंगे और आगे का रिसर्च कर सकते हैं। हालांकि, इसरो का चंद्रयान-3 मिशन पूरा हो चुका है। इस मिशन की अवधि 14 दिनों की थी, लेकिन चांद पर दोबारा सूर्योदय होने के बाद इसरो एक बार फिर से इनसे संपर्क स्थापित करने की कोशिश करेगा, ताकि भविष्य के मिशन की अच्छी प्लानिंग की जा सके।

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Author Name | Harshit Harsh

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