Written By Ajay Verma
Published By: Ajay Verma | Published: Jun 24, 2023, 05:26 PM (IST)
Apple के आईफोन (iPhone) और आईपैड (iPad) को दुनिया में सबसे सुरक्षित डिवाइस माना जाता है। हालांकि, केंद्र सरकार की Indian Computer Emergency Response Team यानी CERT-In इन दोनों डिवाइस में काम करने वाले iOS और iPad ओएस पर एक बग को स्पॉट किया है, जिसको लेकर चेतावनी जारी की है। और पढें: YouTube Music और Apple Music की प्लेलिस्ट सीधे ट्रांसफर करें Spotify में, आया ये धांसू फीचर, कोई थर्ड-पार्टी ऐप की जरूरत नहीं
CERT-In ने कहा कि iOS और iPadOS 16.5.1 से पुराने वर्जन पर CVE-2023-32439 कोडनेम वाले बग को स्पॉट किया गया है। हैकर्स इस खामी का फायदा उठाकर यूजर्स का निजी डेटा चुरा सकते हैं, जबकि कई हैकर्स इस कमजोरी का लाभ उठा चुके हैं। ऐसे में अब एजेंसी ने सभी यूजर्स से कंपनी के लेटेस्ट वर्जन को डाउनलोड करने की अपील की है। और पढें: Flipkart Black Friday Sale में धड़ाम गिरे Apple AirPods Pro के दाम, कीमत रह गई बस इतनी
साइबर एजेंसी ने आगे बताया कि आईफोन और आईपैड के अलावा एप्पल सफारी में बग होने की वजह से यूजर्स को प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने में परेशानी आ रही है। वहीं, हैकर्स भी इस कमी का फायदा उठाकर यूजर्स को अपना निशाना बना रहे हैं। और पढें: iOS 27: कब आएगा ये अपडेट और AI से लेकर UI तक इस बार क्या-क्या हो सकते हैं बड़े बदलाव, जानिए सब कुछ
एजेंसी का कहना है कि आईपैड और आईओएस ओएस पर जिस बग को स्पॉट किया गया है। वह डिवाइस की सिक्योरिटी में लूपहोल बनाता है, जिससे हैकर्स यूजर्स के डिवाइस पर पहुंचकर सारा डेटा अपने सर्वर पर ट्रांसफर कर लेते हैं। यानी कि चुरा लेते हैं।
एप्पल ने अपने प्लेटफॉर्म पर आए बग की बात को स्वीकारा है और कंपनी ने सभी यूजर्स के लिए नए सिक्योरिटी पैच के साथ अपडेट रिलीज किया है। यूजर्स डिवाइस की सेटिंग में जाकर नए अपडेट को डाउनलोड कर सकते हैं।
आपको बता दें कि CERT-In ने पिछले महीने यानी मई के अंत में खतरनाक ‘DAAM’ वायरस का पता लगाया था, जो यूजर्स के एंड्रॉइड मोबाइल में घुसकर कॉल-लॉग, हिस्ट्री और पासवर्ड जैसी अहम जानकारी चुरा रहा था। यह एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर की सुरक्षा लेयर को तोड़ने और रैनसमवेयर को अपलोड करने में भी सक्षम था।
एजेंसी का कहना था कि दाम वायरस को थर्ड-पार्टी ऐप और वेबसाइट के जरिए यूजर्स के एंड्रॉइड मोबाइल तक पहुंचाया जा रहा था। एजेंसी ने लोगों से थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन और वेबसाइट न इस्तेमाल करने का अनुरोध किया था।
दाम से पहले Guerilla मैलवेयर का पता लगाया गया था। यह वायरस यूजर के डेटा को लीक करने से लेकर बैटरी यूसेज तक को बढ़ा देता था। यही नहीं मैलवेयर यूजर के फोन पर लगातार विज्ञापन फ्लैश करता था। इससे भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, थाईलैंड, रूस और अमेरिका सहित कई देश प्रभावित थे।