
Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Sep 02, 2025, 07:16 PM (IST)
AI stethoscope
डॉक्टरों के स्टेथोस्कोप का अविष्कार 200 साल पहले हुआ था और यह हर डॉक्टर के टूलकिट का अहम हिस्सा रहा है। अब यह साधारण इक्विपमेंट हाई-टेक और AI के साथ अपडेट हो गया है। UK के डॉक्टरों की एक टीम ने ऐसा AI-enabled स्टेथोस्कोप बनाया है, जो मरीज के दिल की बीमारियों का पता केवल 15 सेकंड में लगा सकता है। यह डिवाइस heart failure, heart valve disease और असामान्य दिल की धड़कन जैसी समस्याओं को पहचान सकता है। इसके साथ ही यह तेजी से इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) भी लेता है।
यह AI स्टेथोस्कोप इम्पीरियल कॉलेज लंदन और इम्पीरियल कॉलेज हेल्थकेयर NHS ट्रस्ट के रिसर्चर ने बनाया है। इसे बनाने में ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन और नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर रिसर्च (NIHR) ने मदद की। शोधकर्ताओं ने इस डिवाइस की जानकारी यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी के सालाना कॉन्ग्रेस, मैड्रिड में दी। यह उपकरण दिल की बीमारियों के जल्दी पता लगाने में मदद करता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह AI स्टेथोस्कोप केवल उन मरीजों के लिए होना चाहिए जिनमें दिल की बीमारी के लक्षण पहले से हैं और इसे सामान्य चेकअप के लिए नहीं इस्तेमाल करना चाहिए।
🇬🇧 BRITAIN BUILT A SMART STETHOSCOPE THAT’S BASICALLY A HEART-SAVING SUPERHERO
A team in the UK made a stethoscope with AI that can catch deadly heart issues in just seconds.
It listens to your heart way better than humans can and finds stuff doctors usually miss until it’s… pic.twitter.com/iw07fKcaM9
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) August 31, 2025
इस स्टेथोस्कोप का डिजाइन पुराने स्टेथोस्कोप से अलग है। इसका चेस्टपीस रेक्टेंगल है और यह इयरबड्स से जुड़ा होता है। जब इसे मरीज की छाती पर रखा जाता है, यह दिल की इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स रिकॉर्ड करता है और एक इन-बिल्ट माइक्रोफोन खून के बहाव की आवाज सुनता है। यह डाटा क्लाउड में भेजा जाता है, जहां AI इसे जांचकर छोटे या गंभीर दिल की समस्याओं का पता लगाता है, जो इंसानी कान से नहीं सुनाई देती। इसके बाद रिजल्ट सीधे स्मार्टफोन पर देखे जा सकते हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि इस तरह का स्मार्ट स्टेथोस्कोप समय बचाने के साथ-साथ मरीजों को पहले ही सही इलाज दिलाने में मदद करेगा। डॉ. पाट्रिक बैचटिगर ने बताया कि “15 सेकंड की जांच के बाद AI तुरंत बताता है कि किसी व्यक्ति में हार्ट फेल्योर, एट्रियल फिब्रिलेशन या हार्ट वाल्व की दिक्कत है या नहीं।” वहीं डॉ. सोन्या बाबू-नारायण ने कहा कि “ऐसी इनोवेशन की जरूरत है ताकि heart failure का पता जल्दी लगाया जा सके। अक्सर यह दिक्कत तब ही पता चलती है जब मरीज इमरजेंसी में अस्पताल पहुंचते हैं। जल्दी डायग्नोसिस होने पर मरीज समय रहते इलाज पा सकते हैं और बेहतर जीवन जी सकते हैं।”