
5G सर्विस के लॉन्च हुए अभी महज 8 महीने हुए हैं और भारत में 6G लाने की तैयारी शुरु हो गई है। केन्द्रीय टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने भारत में 6G सर्विस की संभावनाओं को तलाशने के लिए नया अलायंस बनाया है। यह अलायंस देश में 6G टेलीकॉम टेक्नोलॉजी के विकास लिए काम करेगा। इस अलायंस में पब्लिक सेक्टर के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर और अन्य विभाग शामिल हैं। यह अलायंस भारत में 6G को आगे बढ़ाने के लिए अपना योगदान देंगे। साथ ही, नए आइडियाज के साथ इसे बेहतर बनाने के सुझाव रखेंगे।
दूरसंचार विभाग (DoT) अपने ट्विटर हैंडल से 6G अलायंस को लेकर ट्वीट भी किया है। बता दें इस साल मार्च में पीएम मोदी ने 6G विजन डॉक्यूमेंट पेश किया था और 6G टेस्ट बेड तैयार करने की भी घोषणा की थी। यह टेस्ट बेड इस सेक्टर से जुड़े स्टेक होल्डर्स के लिए होगा, जो नेक्स्ट जेनरेशन टेक्नोलॉजी का ट्रायल करेंगे। 6G टेस्ट बेड के जरिए इस तकनीक को लॉन्च से पहले टेस्ट किया जाएगा।
टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 6G को लेकर बना यह अलायंस नेक्स्ट जेनरेशन टेलीकॉम टेक्नोलॉजी यानी 6G के विकास के लिए काम करेगा। भारत समय रहते 6G की तैयारी करना चाहता है, ताकि अन्य देशों में आने वाली तकनीक की निर्भरता को कम किया जा सके। यही नहीं, इस तकनीक के निर्यात में अहम भूमिका अदा की जा सके।
सरकार 2030 तक देश में 6G सर्विस को लॉन्च करना चाहती है। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू की जाने लगी है। 5G को अन्य देशों के मुकाबले लॉन्च होने में 3 साल का समय लग गया। हालांकि, भारतीय टेलीकॉम कंपनियां तेजी से देश के सभी जिलों में 5G सर्विस लॉन्च कर रही है। अक्टूबर से लेकर अब तक टेलीकॉम कंपनियां Airtel और Jio देश के 500 से ज्यादा शहरों में 5G सर्विस लॉन्च कर चुकी हैं। पिछले दिनों टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि भारत के पास 6G के लिए अभी 127 पेटेंट मौजूद हैं। यही कारण है कि भारत को आने वाले सालों में तेजी से 6G सेक्टर में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
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