Edited By: Harshit Harsh | Published By: Harshit Harsh | Published: May 02, 2023, 07:21 PM (IST)
Online Fraud: डिजिटल वर्ल्ड में अपने निजी डेटा को छिपाना बहुत मुश्किल है। साइबर अपराधी कोई न कोई तरकीब निकालकर आपको ऑनलाइन फ्रॉड यानी धोखाधड़ी का शिकार बना सकते हैं। खास तौर पर भारत में साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी के कई मामले हर साल सामने आते हैं, जिनमें यूजर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। हालांकि, सरकारी एजेंसियां लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है और साइबर अपराध के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, फिर भी कई लोग हर दिन इसका शिकार बन रहे हैं। और पढें: Google ने भारत के लिए नए AI Safety Tools का किया ऐलान, स्कैमर्स की बजने वाली है बैंड
हाल में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि पिछले 3 साल में भारत के 39 प्रतिशत परिवार फाइनेंशियल फ्रॉड यानी ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं। LocalCircles नाम की एजेंसी ने यह रिपोर्ट जारी किया है। हालांकि, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 24 प्रतिशत लोगों को अपने पैसे वापस भी मिले हैं। और पढें: 'I'm Not a Robot' पर क्लिक करना पड़ सकता है महंगा, आजकल ज्यादातर लोगों के साथ हो रहा ये फ्रोड
सर्वे करने वाली एजेंसी LocalCircles ने भारतीय परिवारों से ऑनलाइन धोखाधड़ी को लेकर सवाल पूछे थे, जिनमें 23 प्रतिशत लोगों ने माना कि वो क्रेडिट या डेबिट कार्ड फ्रॉड के शिकार हुए हैं। वहीं, 13 प्रतिशत लोगों का मानना है कि उनके साथ किसी सामान को ऑनलाइन खरीदने, बेचने की वजह से धोखाधड़ी हुई है, जबकि 13 प्रतिशत लोगों का मानना है कि उनके साथ ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के नाम पर फ्रॉड हुआ है। लोगों से पैसे लेने के बाद भी प्रोडक्ट डिलीवर नहीं हुआ है। और पढें: क्या है Smart Link Protection? Vi यूजर्स के लिए जल्द लॉन्च कर सकता है ये कमाल का फीचर
LocalCircles की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 प्रतिशत लोगों के साथ ATM कार्ड के जरिए फ्रॉड किया गया है। वहीं, बैंक अकाउंट लिंकिंग के नाम पर 10 प्रतिशत लोगों के साथ धोखा हुआ है, जबकि 16 प्रतिशत लोगों के साथ किसी अन्य वजहों से फ्रॉड हुआ है।
सर्वे करने वाली एजेंसी LocalCircles ने बताया कि उसने करीब 32,000 परिवारों ने वित्तीय फ्रॉड के बारे में बताई है। एजेंसी ने भारत के कुल 331 जिलों में यह सर्वे किया है। सर्वे में हिस्सा लेने वाले 66 प्रतिशत पुरूष और 34 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं। इस सर्वे में भाग लेने वाले 39 प्रतिशत लोग मैट्रो शहरों यानी टीयर 1 शहरों से थे, जबकि 35 प्रतिशत लोग टीयर 2 शहरों से थे। वहीं, 26 प्रतिशत लोग टीयर 3, 4 और गावों से थे।