
First Ethanol Car: केंद्रीय सड़क-परिवहन मंत्री नितिन गडकरी 29 अगस्त को देश की पहली 100 प्रतिशत इथेनॉल से चलने वाली कार लॉन्च करेंगे। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में आयोजित हुए एक इवेंट में दी थी। पिछले साल नितिन गडकरी ने हाइड्रोजन से चलने वाली पहली कार Toyota Mirai EV को बाजार में उतारा था। 100 प्रतिशत इथेनॉल से चलने वाली कार भी Toyota कंपनी की होगी, इस बात का खुलासा भी केंद्रीय मंत्री ने किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, यह दुनिया का पहला BS-VI इलेक्ट्रिक फ्लेक्स फ्यूल वीकल होगा।
नितिन गडकरी 2004 से ही बायोफ्यूल पर चलने वाली गाड़ी की बात कर रहे हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रही बेतहाशा वृद्धि की वजह से इथेनॉल ईंधन के तौर पर एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि बायोफ्यूल को लेकर वो काफी उत्सुक थे। इसके लिए वो ब्राजील गए और इसके बारे में ज्यादा जानकारी ली। नितिन गडकरी ने बताया कि ब्राजील में 70 प्रतिशत गाड़ियों में बायोफ्यूल यानी इथेनॉल का इस्तेमाल होता है। फ्लेक्स फ्यूल्ड कार की वजह से देश करोड़ों-अरबों रुपये बचा सकता है।
इथेनॉल (Ethanol) एक तरह का इको-फ्रेंडली ईंधन है, जिसे मक्के और गन्ने से बनाया जा सकता है। सरकार इथेनॉल से बने ईंधन का इस्तेमाल पेट्रोल और डीजल के विकल्प के तौर पर करना चाहती है। इस फ्यूल की वजह से वातावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है और प्रदूषण को कम किया जा सकता है। सरकार चाहती है कि लोगों की निर्भरता फोसिल फ्यूल्स यानी पेट्रोल-डीजल पर कम रहे और वातावरण में फैलने वाले खतरनाक प्रदूषण वाले घटकों को कम किया जा सके।
इसके अलावा इथेनॉल ईंधन में ज्यादा ऑक्टेन रेटिंग मिलती है, जो गाड़ियों के इंजन की परफॉर्मेंस को बेहतर बनाती है। इथेनॉल को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करने पर किसानों को भी फायदा पहुंचेगा। किसान गन्ने और मक्के की खेती बड़ी मात्रा में करके इथेनॉल के प्रोडक्शन के लिए रॉ मटीरियल तैयार कर सकते हैं। हालांकि, इस ईंधन का एक नुकसान भी है। ऐसा माना जाता है कि इथेनॉल में पेट्रोल-डीजल के मुकाबले कम एनर्जी मिलती है। फ्यूल एफिशिएंसी को छोड़ दिया जाए, तो इथेनॉल पेट्रोल-डीजल का एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
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