हम आपको यहां विशेषज्ञों द्वारा बताए गए कुछ संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप पता लगा सकेंगे कि आपका फोन हैक हुआ है या नहीं।
अगर आपके फोन में लगातार ऐप अपने आप क्रैश हो रहे हैं, तो समझ जाएं कि आपके डिवाइस वायरस या मैलवेयर हो सकता है।
मैलवेयर वाले ऐप बैकग्राउंड में लगातार काम करते हैं, जिससे डेटा यूसेज बढ़ जाती है। फोन में वायरस होने का यह भी एक संकेत है।
कई बार हैकर्स हैक किए गए डिवाइस से मैलिशियस लिंक वाले मैसेज भेजते हैं। यदि आपके फोन से भी इस तरह के मैसेज जा रहे हैं, तो समझ जाएं कि आपका मोबाइल हैक हो गया है।
वायरस से प्रभावित फोन की बैटरी तेजी से ड्रेन यानी कम होती है, क्योंकि मैलवेयर वाले ऐप बैकग्राउंड में एक्टिव रहते हैं।
मैलवेयर से इंफेक्टेड ऐप फोन की रैम ज्यादा कंज्यूम करते हैं, जिससे यूसेज बढ़ जाती है और फोन जल्दी गर्म होने लगता है।
हैकर्स डिवाइस हैक करके उसमें अनऑथराइज्ड एक्सटेंशन ऐड कर देते हैं। इस कारण फोन में जरूरत से ज्यादा विज्ञापन आने लगते हैं।
गूगल फोन में वायरस को डिटेक्ट करके अपने आईडी लॉग-आउट कर देता है। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है, तो मुमकिन है कि आपके डिवाइस में वायरस हो।
आपको फोन में वो ऐप दिखाई दे रहे हैं, जिन्हें आपने डाउनलोड नहीं किया है, तो संभव है कि हैकर्स ने मैलवेयर वाला ऐप इंस्टॉल किया हो।
आपके फोन की प्रोसेसिंग स्पीड स्लो हो गई है, तो सावधान हो जाएं। कई बार हैकर्स हैवी मैलवेयर अपलोड कर देते हैं, जिससे सिस्टम स्लो हो जाता है।