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क्या आप भी फोन का चार्जर या घर की और भी चीजें प्लग में लगी छोड़ देते हैं? तुरंत बंद कर दें ये आदत, पड़ सकता है महंगा

क्या आप जानते हैं कि आपके घर के बंद पड़े इक्विपमेंट भी चोरी-छुपे बिजली खा रहे हैं? जी हां, मोबाइल चार्जर, टीवी या माइक्रोवेव जैसे गैजेट्स "फैंटम एनर्जी" खींचते रहते हैं, नतीजा बिजली का बिल बढ़ता है। छोटी-सी आदत बदलकर आप बड़ा फर्क ला सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Sep 04, 2025, 11:47 AM (IST)

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हम अक्सर सोचते हैं कि अगर घर की सारी लाइटें और पंखे बंद हैं, तो बिजली की खपत भी रुक गई होगी, लेकिन असलियत कुछ और हैबहुत से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे टीवी, मोबाइल चार्जर, माइक्रोवेव और गेमिंग कंसोल बंद होने पर भी बिजली खींचते रहते हैं। इसे “फैंटम एनर्जी” या “वैम्पायर एनर्जी” कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह छिपा हुआ बिजली खर्च एक घर की कुल बिजली खपत का लगभग 5 से 10 प्रतिशत तक हो सकता है। यानी इक्विपमेंट को लगातार प्लग में लगाए रखने से न सिर्फ आपका बिल बढ़ता है, बल्कि यह बिजली की बर्बादी भी है news और पढें: खाली होगा आईफोन का स्टोरेज, गजब ट्रिक

स्मार्ट टीवी और बाकी उपकरण कितनी एनर्जी खींचते हैं?

फैंटम एनर्जी का असर हर उपकरण पर अलग-अलग होता है। उदाहरण के लिए, इंटरनेट से जुड़े स्मार्ट टीवी बंद होने पर भी करीब 40 वॉट बिजली खा सकते हैं, जो सामान्य टीवी से लगभग 40 गुना ज्यादा है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि कई निर्माता कंपनियां अब इस समस्या को कम करने के लिए कदम उठा रही हैं। उन्होंने स्मार्ट टीवी की स्टैंडबाय मोड में बिजली खपत घटाने के लिए नई टेक्नोलॉजी अपनाना शुरू कर दिया है। फिर भी घरों में मौजूद छोटी-बड़ी चीजों से बिजली की बर्बादी लगातार जारी रहती है।

फैंटम एनर्जी से जलवायु परिवर्तन को खतरा

यह छिपी हुई बिजली खपत केवल बिल बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन को भी प्रभावित करती है। जब लाखों-करोड़ों घरों में ऐसी एनर्जी बर्बाद होती है, तो बिजली की मांग और ज्यादा बढ़ती है, जिससे पावर प्लांट्स को अतिरिक्त प्रोडक्शन करना पड़ता है। इन पावर प्लांट्स से निकलने वाला धुआं और कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण को गर्म करता है और ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर लोग छोटी-छोटी आदतें बदल लें, जैसे मोबाइल चार्जर को बैटरी फुल होने के बाद अनप्लग करना या इस्तेमाल न होने वाले उपकरणों को प्लग से निकालना, तो इसका बड़ा असर पड़ सकता है।

छोटे कदमों से बड़ा बदलाव संभव

पर्यावरण वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर अमेरिका जैसे बड़े देशों में लोग इन छोटे-छोटे कदमों को अपनाएं, तो सालाना बिजली खपत में करीब 20 प्रतिशत तक कमीसकती हैयही नहीं जब लोग अपने आसपास दूसरों को यह करते देखते हैं, तो वे भी वैसा ही करने लगते हैंधीरे-धीरे यह एक सामाजिक आदत बन सकती हैइसलिए यह सोचना किमेरे अकेले के unplug करने से क्या फर्क पड़ेगा?” गलत है। असलियत यह है कि हर छोटा कदम मिलकर बड़ा बदलाव लाता है। अगर हम आज से ही फालतू उपकरणों को अनप्लग करना शुरू करें, तो यह न सिर्फ हमारे बिल में बचत करेगा बल्कि धरती को भी राहत देगा।