
Reliance Jio ने देश के सभी 22 टेलीकॉम सर्किल में 5G सेवा लॉन्च कर दी है। पिछले साल जुलाई-अगस्त में हुई स्पेक्ट्रम नीलामी में मुकेश अंबानी की कंपनी ने 26 GHz स्पेक्ट्रम बैंड खरीदा था। इस नीलामी में Jio के अलावा Airtel, Vodafone-Idea और Adani Data Network ने हिस्सा लिया था। भारतीय एयरटेल और रिलायंस जियो ने पिछले साल अक्टूबर में 5G सर्विस लॉन्च होने के साथ ही देश के मैट्रो शहरों के साथ-साथ की टीयर-2 शहरों में 5G सेवा शुरू की थी। इन दोनों कंपनियों ने देश के लगभग सभी जिला मुख्यालय में 5G सेवा लॉन्च कर दी है।
26GHz और 3000-3600MHz 5G स्पेक्ट्रम बैंड के अलॉटमेंट में हिस्सा लेने वाली टेलीकॉम कंपनियों को दूरसंचार विभाग के शर्त के अनुसार एक साल के अंदर देश के किसी एक मैट्रो शहर और सभी 22 टेलीकॉम सर्किल में हर सर्किल के किसी एक शहर में 5G सेवा शुरू करनी थी। रिलायंस जियो ने देश के सभी टेलीकॉम सर्किल में अपनी 5G सेवा शुरू कर दी है। रिलायंस जियो अपने यूजर्स को SA (स्टैंड अलोन) 5G नेटवर्क मुहैया कराता है, जिसमें 1 Gbps तक की सुपरफास्ट इंटरनेट स्पीड मिलती है।
जियो यूजर्स को अपने पुराने 4G सिम कार्ड पर ही 5G सर्विस मिलने लगेगी केवल उनके पास 5G नेटवर्क सपोर्ट वाला हैंडसेट होना चाहिए। जियो और एयरटेल दोनों टेलीकॉम कंपनियों ने 5G के लिए कोई डेटा प्लान लॉन्च नहीं किया है। मौजूदा 4G वाले प्लान में ही यूजर्स को 5G नेटवर्क का सपोर्ट मिलेगा और सुपरफास्ट इंटरनेट एक्सेस किया जा सकेगा। इस साल के अंत तक Jio True 5G सर्विस को देश के सभी जिलों में पहुंचाने का लक्ष्य था, जिसे कंपनी ने अगस्त 2023 में ही पूरा कर लिया है।
वहीं, अन्य टेलीकॉम कंपनियों की बात करें तो Airtel ने भी देश के लगभग सभी टेलीकॉम सर्किल में अपनी 5G सेवा पहुंचा दी है। कंपनी अगले साल मार्च तक देश के सभी जिलों में 5G सेवा पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। वहीं, दूसरी तरफ Vodafone-idea और Adani Data Network ने अब तक अपनी 5G सर्विस लॉन्च नहीं की है।
इन दोनों कंपनियों ने दूरसंचार विभाग से नेटवर्क रोल आउट करने में एक्सटेंशन मांगा है। हालांकि, दूरसंचार विभाग इन दोनों कंपनियों को एक्सटेंशन देने से मना कर दिया है। जिन टेलीकॉम कंपनियों ने दूरसंचार विभाग से दी गई शर्तों को पूरा नहीं किया है, उनपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 5G सर्विस को तीन फेज में रोल आउट करना होगा। पहला फेज पहले साल के अंत तक है, दूसरा फेज नेटवर्क अलॉटमेंट के तीसरे साल के अंत तक और तीसरा फेज अलॉटमेंट के पांचवे साल के अंत तक पूरा होता है।
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