Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Aug 08, 2025, 04:44 PM (IST)
Website Traffic
हाल ही में गूगल की AI Overview नाम की नई टेक्नोलॉजी को लेकर काफी बहस छिड़ी हुई है। थर्ड-पार्टी एनालिसिस टूल्स के मुताबिक, वेबसाइट्स पर आने वाला ट्रैफिक पिछले कुछ समय से काफी गिरा है। कई बड़े मीडिया संस्थान जैसे Forbes और HuffPost ने 40% तक ट्रैफिक में गिरावट की शिकायत की है। BrightEdge नामक रिपोर्ट में भी साल दर साल 30% CTR (क्लिक थ्रू रेट) में गिरावट देखी गई है। इस गिरावट का सीधा असर छोटे और बड़े सभी प्रकार के पब्लिशर्स पर पड़ा है, जो अपनी साइट पर ट्रैफिक के जरिए कमाई करते हैं।
गूगल ने इन सभी दावों को नकारते हुए अपनी आधिकारिक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि AI Overview से यूजर का सर्च एक्सपीरियंस बेहतर हुआ है। उनका दावा है कि लोग अब पहले से ज्यादा और बेहतर सवाल पूछ पा रहे हैं। गूगल के अनुसार, “हमारा डेटा दिखाता है कि लोग इस एक्सपीरियंस से ज्यादा खुश हैं और सर्च पहले से कहीं ज्यादा कर रहे हैं।” गूगल ने यह भी कहा कि पिछले साल की तुलना में ऑर्गेनिक सर्च ट्रैफिक में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है, बल्कि क्लिक की क्वालिटी पहले से बेहतर हुई है।
गूगल का कहना है कि अगर किसी साइट पर ट्रैफिक कम हुआ है, तो वह इस वजह से है कि यूजर्स अब उन वेबसाइट्स को प्राथमिकता दे रहे हैं जो फोरम बेस्ड हैं, जैसे Reddit या Quora, यानी लोग उन साइट्स पर क्लिक करना पसंद कर रहे हैं जहां असली लोग अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हैं। इसके अलावा गूगल ने यह भी माना कि अगर आपकी वेबसाइट AI Overview में शामिल होती है, तो ट्रैफिक तीन गुना तक बढ़ सकता है। लेकिन अगर आपकी साइट केवल सर्च रिजल्ट में है और AI Overview में नहीं आती, तो लगभग 50% क्लिक गायब हो सकते हैं।
अब जब गूगल AI आधारित सर्च पर जोर दे रहा है, तो वेबसाइट्स को भी अपने कंटेंट को AI Overview फ्रेंडली बनाना होगा। पारंपरिक SEO (Search Engine Optimization) के साथ-साथ उन्हें AEO (Answer Engine Optimization) और GEO (Generative Engine Optimization) पर भी ध्यान देना पड़ेगा। Pew Research के आंकड़ों से पता चला है कि जब यूजर को AI Overview दिखता है, तो वे केवल 8% मामलों में ही नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करते हैं, जबकि बिना AI Overview के 15% बार क्लिक होता है। यानी अब पब्लिशर्स को केवल रैंकिंग से काम नहीं चलेगा, उन्हें AI की नई दुनिया के अनुसार खुद को ढालना होगा। वरना गूगल के ‘स्वर्ग’ में जगह बनाना मुश्किल हो जाएगा।