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क्यों है SAMBHAV मोबाइल सिस्टम? ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने WhatsApp छोड़कर यूज की ये ‘Made in India’ टेक्नोलॉजी

क्या आप जानते हैं कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में WhatsApp जैसी विदेशी ऐप्स को क्यों छोड़ा और एकदम ‘Made in India’ सिस्टम SAMBHAV क्यों अपनाया? यह सिर्फ एक ऐप नहीं, बल्कि सेना की डिजिटल सुरक्षा को नई ताकत देने वाला हाई-टेक मोबाइल इकोसिस्टम है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Sep 10, 2025, 04:02 PM (IST)

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भारतीय सेना ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पहली बार अपने स्वदेशी सुरक्षित मोबाइल इकोसिस्टम SAMBHAV (Secure Army Mobile Bharat Version) का इस्तेमाल किया। इस बात का खुलासा खुद थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने किया। उन्होंने बताया कि सेना ने WhatsApp और बाकी विदेशी ऐप्स का इस्तेमाल बंद कर दिया और पूरी तरहMade in India’ टेक्नोलॉजी पर भरोसा जतायायह सिस्टम 5G पर आधारित है और इसमें मल्टी-लेयर्ड एन्क्रिप्शन दी गई है, जिससे सेना की सीक्रेट बातचीत और जानकारी किसी भी हाल में लीक नहीं हो सकती

थलसेना प्रमुख ने SAMBHAV सिस्टम को लेकर क्या कहा?

जनरल द्विवेदी ने यह जानकारी AIMA की 52वीं नेशनल मैनेजमेंट कन्वेंशन में दीउन्होंने कहा, “हम अब उपकरणों के निरंतर विकास के लिए तैयार हैंऑपरेशन सिंदूर में SAMBHAV फोन का इस्तेमाल किया गयाहमने WhatsApp और बाकी विदेशी प्लेटफॉर्म का यूज नहीं कियाअब हम इसे और उच्च स्तर पर अपग्रेड कर रहे हैं।” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर कोसैनिकों, कमांडरों, वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं का बेहतरीन संगमबताते हुए कहा कि यह एक प्री-एम्प्टिव यानी पहले से तैयारी के साथ की गई कार्रवाई थीसेना प्रमुख ने यह भी जोड़ा कि भविष्य के युद्धों में पारंपरिक ताकत के साथ-साथ आधुनिक टेक्नोलॉजी भी उतनी ही अहम होगी, जहांसैनिकों के साथ-साथ रोबोट भी साथ चलेंगे।”

SAMBHAV सिस्टम में WhatsApp जैसी कौन-सी सुविधाएं मौजूद हैं?

SAMBHAV सिस्टम को जनवरी 2024 में पेश किया गया थायह पूरी तरह से आत्मनिर्भर भारत की सोच पर आधारित हैइसमें M-Sigma नाम का ऐप है, जो WhatsApp का भारतीय ऑप्शन हैइसके जरिए अधिकारी सुरक्षित तरीके से चैट कर सकते हैं और फाइल, फोटोवीडियो शेयर कर सकते हैं रक्षा अधिकारियों का कहना है कि मोबाइल नेटवर्क पर अक्सर जासूसी और हैकिंग का खतरा रहता हैलेकिन यह नया भारतीय सिस्टम Network-agnostic है, यानी यह किसी भी नेटवर्क पर बिना खतरे के काम कर सकता हैयही वजह है कि यह सिस्टम सेना के लिए बहुत ज़रूरी बन गया है

इस प्रोजेक्ट से भारतीय सेना और देश को क्या बड़ा फायदा मिला?

यह परियोजना भारत के बड़े कॉलेजों और विशेषज्ञों की मदद से बनाई गई हैयह 5G वाले मोबाइल पर चलती है और इसमें ऐसा सिस्टम है जो आपके डेटा को एन्क्रिप्शन की मदद से सुरक्षित रखता है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि चीन के साथ हुई सैन्य बैठकों में भी इसका इस्तेमाल हुआ था। अब तक करीब 30,000 मोबाइल जैसे डिवाइस सेना के अफसरों को दिए जा चुके हैं सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को सेना ने “एक ऐतिहासिक जवाबी कार्रवाई” बताया है। इससे आतंकवाद से लड़ने की भारत की रणनीति और मजबूत हुई है। यह दिखाता है कि भारतीय सेना अब टेक्नोलॉजी के मामले में बहुत आगे बढ़ रही है और भारत अपनी डिजिटल सुरक्षा के लिए खुद पर निर्भर होता जा रहा है।