
UPI Transactions: यूपीआई ने एक और नया रिकॉर्ड बनाया है। गावों और छोटे शहरों में लोग इस फीचर को तेजी से अपना रहे हैं। हाल में आई एक रिकॉर्ड के मुताबिक, छोटे शहरों और गावों में UPI के जरिए एक साल में 118 प्रतिशत ट्रांजैक्शन बढ़े हैं। वहीं, इसके वैल्यू यानी ट्रांजैक्शन की गई अमाउंट की बात करें तो इसमें भी 106% की बढ़ोतरी देखी गई है। यही नहीं, मोबाइल पॉइंट ऑफ सेल (mPOS) पर भी लेन-देन में 5% की बढ़ोतरी हुई है। फिनटेक फर्म पे-नियरबाय की ओर से ‘रिटेल-ओ-नॉमिक्स’ (रिटेलोनॉमिक्स) की स्टडी में UPI ट्रांजैक्शन के इन आंकड़ों का पता चला है।
Pay-Nearby ने यह सर्वे-बेस्ड रिसर्च इस साल जनवरी से नवंबर के बीच करीब 10 लाख दुकानों पर किए गए ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड के आधार पर की है। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रांजैक्शन का यह आंकड़ा केवल बैंकिंग और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन तक ही सीमित नहीं है। इसमें दूसरे डिजिटल सर्विसेज जैसे यूटिलिटी पेमेंट, कैश कलेक्शन, क्रेडिट, इंश्योरेंस, असिस्टेड कॉमर्स और दूसरे तरह के सभी ट्रांजैक्शन भी शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल पेमेंट को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है।
UPI आज के डिजिटल भारत और रिटेल सेक्टर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह सिर्फ ग्राहकों के लिए ही नहीं, बल्कि छोटे और बड़े व्यापारियों की भी व्यापार बढ़ाने में मदद कर रहा है। यह सिर्फ मर्चेंडाइजर्स और ग्राहकों को सुविधा प्रदान करने के लिए ही नहीं, बल्कि उपभोक्ता की जीवनशैली में सुधार करने में भी सहायक है। इसलिए UPI पेमेंट्स को लोग न केवल ऑनलाइन प्लेटफार्म्स जैसे Amazon और Flipkart पर ही नहीं, बल्कि अपने दिनचर्या में भी उपयोग कर रहे हैं।
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 1 से 18 दिसंबर तक टोटल 7030.51 मिलियन (करीब 703 करोड़) ट्रांजैक्शन किए जा चुके हैं। वहीं इन ट्रांजैक्शन के जरिए लेन-देन की गई राशि करीब ₹11 लाख करोड़ रही है।
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