Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Oct 24, 2025, 06:31 PM (IST)
NPCI ने एक नया नियम बनाया है ताकि UPI यूजर्स के पास ज्यादा ऑप्शन हों और अलग-अलग UPI Apps के बीच पैसा भेजना और लेना आसान हो जाए। अब किसी भी यूजर को अपने मोबाइल नंबर से पैसा लेने के लिए किसी भी UPI App को चुनने का मौका मिलेगा। पहले यह सिर्फ उसी App में होता था जिसमें यूजर ने पहली बार रजिस्टर किया था। इस नए नियम के लिए UPI Mapper नाम का फीचर बनाया गया है, जो आपके मोबाइल नंबर को आपके UPI ID से जोड़ देता है लेकिन इससे बड़े UPI प्लेटफॉर्म जैसे PhonePe, Google Pay और Paytm को थोड़ा मुश्किल हो गई है।
UPI Mapper के आने के बाद ट्रांजैक्शन प्रक्रिया में देरी और फेल होने की समस्या सामने आई। पहले अगर कोई व्यक्ति Google Pay से किसी बाकी Google Pay यूजर को पैसे भेजता था तो ऐप अपने लोकल डेटा से सीधे भुगतान कर देता था। नए नियम के तहत अब हर ट्रांजैक्शन के लिए NPCI के सर्वर से जुड़ना पड़ता है, जिससे लेटेंसी बढ़ गई और कई बार पेमेंट फेल होने लगे। छोटे UPI Apps ने इस मौके का फायदा उठाया और यूजर्स को बार-बार नोटिफिकेशन भेजने लगे, ताकि लोग उनका App मुख्य App बना लें। इससे यूजर्स उलझन और परेशान हो गए।
छोटे Apps का मानना था कि अगर यूजर उनके ऐप से पैसे भेजेंगे या पाएंगे तो उनका इस्तेमाल बढ़ेगा और धीरे-धीरे वे बड़े Apps को टक्कर दे सकेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कई यूजर्स को अपने ट्रांजैक्शन सही से नहीं दिखे और उन्होंने Apps और UPI पर भरोसा खो दिया, लगातार नोटिफिकेशन और मैसेज से यूजर्स की परेशानी बढ़ गई। इस सब के बाद NPCI को नियम बदलकर थोड़ी शांति बनानी पड़ी।
NPCI ने नई सर्कुलर में कहा कि अब UPI Apps यूजर्स को नोटिफिकेशन या मैसेज भेजकर मुख्य ऐप बदलने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर सकते। यह ऑप्शन अब केवल यूजर के अकाउंट प्रोफाइल में मिलेगा। बैंक और ऐप्स के विशेषज्ञों का कहना है कि इससे सिर्फ तकनीकी देरी कम हुई है, लेकिन इंटरऑपरेबिलिटी का असली मकसद पूरा नहीं हो रहा। NPCI चाहते थे कि छोटे Apps और नए प्लेर्टफॉर्म बड़ा बन सकें, लेकिन इस फैसले से दिखा कि कभी-कभी अच्छे इरादों वाला नियम भी यूजर्स और मार्केट में उलझन पैदा कर सकता है।