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TRAI Message Traceability: स्पैम और फ्रॉड SMS से मिलेगा छुटकारा, 11 दिसंबर से लागू होगा नया नियम

TRAI Message Traceability: 11 दिसंबर से आपको अपने फोन पर स्पैम व फ्रॉड SMS नहीं आएंगे। लागू होने वाला है नया नियम।

Published By: Manisha

Published: Dec 01, 2024, 04:19 PM IST

TRAI

TRAI Message Traceability: डिजिटल दौर में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। स्कैमर्स मासूम लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए नए-नए तरीके निकालते रहते हैं। कभी स्पैम कॉल के जरिए लोगों को ठगा जाता है, तो कभी SMS के जरिए फेक लिंक भेजकर उन्हें अपना शिकार बनाया जाता है। साइबर क्रिमिनल्स के इन्हें मंसूबों को नाकाम करने के लिए भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) लगातार नए-नए कदम उठाती रहती है। कुछ समय पहले ही TRAI ने स्पैम व फ्रॉड मैसेज पर लगाम लगाने के लिए Message Traceability नियम लागू करने के निर्देश दिए थे।

TRAI ने 20 अगस्त 2024 को इस नए Message Traceability नियम को लागू करने के निर्देश दिए थे। इस आदेश में कहा गया था कि 1 नवंबर से सभी कर्मशियल मैसेज को ट्रेसेबल बनाया जाए। हालांकि, बाद में यह डेडलाइन 30 नवंबर तक बढ़ा दी गई थी, जिसके बाद इस नियम को 1 दिसंबर यानी आज से लागू होना था। वहीं, अब एक बार फिर इसकी डेडलाइन आगे बढ़ गई है। TRAI ने अपने ऑफिशियल प्रेस रिलीज के जरिए जानकारी दी है कि अब Message Traceability नियम 11 दिसंबर से लागू होने वाला है। 11 दिसंबर के बाद से उन सभी SMS को एक्सेप्ट नहीं किया जाएगा, जो कि टेलीमार्केटिंग सीरीज का हिस्सा नहीं है।

Message Traceability नियम कैसे करेगा काम?

आपको बता दें, नए नियम के तहत सभी संस्थाओं व टेलीमार्केटर्स को कहा गया था कि वे अपने टेलीमार्केटिंग SMS के लिए नंबर सीरीज का ऐलान करेंगे, जिनके जरिए एसएमएस भेजा जाएगा। इन सीरीज को ट्राई अपने डेटा में शामिल करेगी। जो सीरीज डेटा में शामिल है सिर्फ उनके ही टेलीमार्केटिंग मैसेज को आगे भेजने के लिए एक्सेप्ट किया जाएगा। यदि कोई मैसेज इस सीरीज के बाहर का है, जो उसे एक्सेप्ट नहीं किया जाएगा और न ही वे यूजर तक पहुंचेगा।

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स्पैम मैसेज

डिजिटल दौर में कई तरह से मासूम लोगों को ऑनलाइन स्कैम का शिकार बनाया जाता है। इन्हीं में फेक कॉल्स व मैसेज शामिल हैं। स्कैमर्स यूजर्स को ठगी का शिकार बनाने के लिए कॉल करते हैं और खुद को बैंक या फिर टेलीमार्केटिंग कंपनी का कर्मचारी बताते हैं। यूजर्स की जरूर को उजागर करते हुए उन्हें फेक ऑफर्स देते हैं और कॉल के दौरान ही उन्हें मैसेज के जरिए फेक लिंक पर क्लिक करने को कहते हैं। उ्म्मीद की जा रही है कि नए नियम के बाद इस तरह के स्पैम व फ्रॉड SMS यूजर्स तक भेजे ही नहीं जा सकेंगे।

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Author Name | Manisha

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