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TRAI का आदेश, बिना अनुमति नहीं आएंगे मार्केटिंग कॉल और SMS

TRAI ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स और टेलीमार्केटर्स को मार्केटिंग कॉल्स और SMS के लिए ग्राहकों से दोबारा अनुमति लेनी होगी। इसके लिए नए सिरे से डिजिटल कंसेंट लेना होगा।

Published By: Harshit Harsh | Published: Nov 08, 2023, 04:33 PM (IST)

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Highlights

  • TRAI ने फर्जी कॉल और SMS पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है।
  • टेलीकॉम कंपनियों को इसके लिए DLT सिस्टम लाने के लिए कहा है।
  • टेलीमार्केटर को नए सिरे से अनुमति लेने का आदेश जारी किया है।
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TRAI ने बैंक, इंश्योरेंस कंपनियों, रियल स्टेट कंपनियों आदि से मार्केटिंग मैसेज या कॉल करने से पहले ग्राहकों से अनुमति लेने के लिए कहा है। ट्राई ने कंपनियों को कमर्शियल और मार्केटिंग मैसेज भेजने से पहले नए सिरे से अनुमति लेने की जरूरत है। इन कंपनियों द्वारा पहले ली गई सभी अनुमतियां नए डिजिटल कंसेंट एक्विजेशन (DCA) फेसिलिटी आने के बाद निरस्त हो जाएंगी। टेलीकॉम रेगुलेटर का यह कदम कॉल्स और SMS के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए उठाया गया है। अब बिना ग्राहक की अनुमति के बैंक, इंश्योरेंस कंपनियां, रियल स्टेट समेत अन्य टेलीमार्केटर न तो कॉल कर सकेंगे और न ही मैसेज भेज सकेंगे। news और पढें: Starlink सैटेलाइट इंटरनेट भारत में कब होगा शुरू? ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताए देरी के कारण

पुराने अनुमति होंगे निरस्त

TRAI ने अपने स्टेटमेंट में बताया है कि यह खास तौर से हाइलाइट किया गया है कि DCA के इंप्लिमेंटेशन के बाद मौजूदा कंसेंट यानी अनुमति निरस्त हो जाएगा। टेलीमार्केटिंग कॉल्स और मैसेज के लिए इन कंपनियों को फिर से नया कंसेंट लेना होगा। ये एंटिटी केवल डिजिटल तरीके से ये अनुमति ले पाएंगे। किसी अन्य तरीके से ली गई अनुमति भी निरस्त होगी। रेगुलेटर ने सभी प्रिंसिपल एंटिटी से इसके लिए अर्जेंट बेसिसे पर जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है। साथ ही, ट्राई ने यह भी कहा है कि DCA को पहले से निर्धारित टाइमलाइन पर लागू किया जाएगा। news और पढें: Starlink लॉन्च फिर टला, सरकार ने स्पेक्ट्रम प्राइसिंग पर उठाए सवाल

बता दें, साल की शुरुआत में टेलीकॉम रेगुलेटर ने सभी प्रिंसिपल एंटिटीज को 1 सितंबर से डिजिटल कंसेंट लेने के लिए कहा है। ट्राई ने प्रिंसिपल एंटिटी और टेलीकॉम ऑपरेटर्स को नए सिस्टम को लागू करने के लिए कहा है। इसके लिए रेगुलेटर ने प्रिंसिपल एंटिटीज को ग्राहकों से अनुमति लेने के लिए एक कॉमन शॉर्ट कोड 127xxx के जरिए इस्तेमाल करने के लिए कहा है।

ऑनलाइन फेसिलिटी

TRAI ने अपने स्टेटमेंट में कहा है कि इस कंसेट का उदेश्य प्रिंसिपल एंटिटी/ब्रांड का नाम कंसेंट वाले मैसेज में स्पष्ट तरीके से लिखा होना चाहिए। केवल व्हाइटलिस्ट URL/APK/OTT लिंक/कॉल बैक नंबर आदि इस कंसेंट मैसेज में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा ग्राहकों को कंसेंट से संबंधित जानकारियां होनी चाहिए। TRAI ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स से इसके अलावा SMS या ऑनलाइन फेसिलिटी डेवलप करने के लिए कहा है, ताकि ग्राहक अगर किसी तरह का कंसेंट मैसेज मिलने के बाद उसे स्वीकार नहीं करना चाहते हों तो इसकी जानकारी दे दें।

TRAI ने अपने आदेश में कहा है कि टेलीकॉम कंपनियों को सभी कमर्शियल मैसेज जैसे कि OTP पासवर्ड, प्रमोशनल मैसेज, अकाउंट बैलेंस अपडेट आदि को DLT प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए कहा है। मार्केटिंग कंपनियों को कमर्शियल टेक्स्ट मैसेज भेजने से पहले खुद को इसके लिए रजिस्टर करना होगा। इसके लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित टेम्पलेट मैसेज ही ग्राहकों को भेजने की अनुमति होगी। केवल वेरिफाइड बिजनेस ही ऐसा कर सकेंगे।