
Telecommunications Bill 2023 को आज यानी 18 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया। इस बिल में OTT प्लेयर्स को नहीं रखा गया है। इससे पहले आए बिल के ड्राफ्ट में ओटीटी सर्विसेज जैसे कि व्हाट्सऐप, वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म Skype आदि को रेगुलेट करने की बात कही गई थी। इसके अलावा नए बिल में डिजिटल पेमेंट सर्विसेज को भी नहीं रखा गया है। टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने नए टेलीकॉम बिल 2023 को लोकसभा में पेश किया। इस बिल को मनी बिल के तौर पर लोकसभा में पेश किया गया है, जिसकी वजह से निचले सदन में पास होने के बाद ही यह कानून का रूप ले लेगी। हालांकि, इसका कई पार्टियों ने विरोध भी किया है।
नए टेलीकॉम बिल में WhatsApp, Telegram, Skype जैसे इंटरनेट बेस्ड कॉलिंग और मैसेजिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को राहत मिली है। सरकार ने OTT को नए टेलीकॉम बिल में नहीं रखा है। इसके अलावा सरकार ने ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाई सैटेलाइट (GMPCS) के अलोकेशन का भी प्रस्ताव नए बिल में रखा है।
नएबिल के मुताबिक, सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा की स्तिथि में किसी भी टेलीकॉम इक्वीपमेंट को रद्द कर सकती है। इसके अलावा प्रमोशनल और विज्ञापन वाले मैसेज भेजने के लिए ग्राहकों से पूर्व में परमिशन लेना होगा। इसके बाद ही कोई भी एडवर्टाइजर यूजर्स को कोई भी प्रमोशनल मैसेज भेज सकेंगे।
इसके अलावा टेलीकॉम कंपनियों की प्रिडेटरी प्राइसिंग पर TRAI को एक्शन लेने की क्षमता प्रदान करता है। आसान भाषा में कहा जाए तो किसी भी टेलीकॉम कंपनी द्वारा प्रिडेटरी प्राइसिंग लगाने पर TRAI अब एक्शन ले सकेगा।
यह नया टेलीकॉम बिल तीन पुराने नियमों: टेलीग्राफ एक्ट 1885, इंडियन वायरलेस टेक्नोलॉजी एक्ट 1933 और टेलीग्राफ वायर्स (अनलॉफुल पोजेशन) एक्ट 1950 को खत्म कर देगा। इसके अलावा इस बिल में टेलीकॉम कंपनियों द्वारा SIM कार्ड जारी करने से पहले बायमैट्रिक आइडेंटिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इससे फर्जी सिम कार्ड जारी नहीं किया जा सकेगा और साइबर फ्रॉड की घटनाओं को कम किया जा सकेगा।
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