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Starlink भारत में लॉन्च से पहले हुई एक्टिव, 30-31 अक्टूबर को इस शहर में होगा डेमो

Elon Musk की कंपनी Starlink ने भारत में अपनी हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च करने से पहले मुंबई में 30 और 31 अक्टूबर को डेमो रन शुरू कर दिया है। यह कदम भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के भविष्य की बड़ी शुरुआत माना जा रहा है। आइए जानते हैं...

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Oct 30, 2025, 03:45 PM (IST)

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Elon Musk की कंपनी Starlink ने भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने से पहले मुंबई में 30 और 31 अक्टूबर को डेमो रन कर रही है। इस डेमो का मकसद यह दिखाना है कि कंपनी भारत सरकार की सुरक्षा और तकनीकी नियमों का ठीक से पालन कर रही है या नहीं। इस दौरान Starlink को सरकार ने अस्थायी स्पेक्ट्रम (provisional spectrum) पर काम करने की अनुमति दी है, यानी कंपनी को अभी सीमित समय के लिए टेस्ट करने की इजाजत मिली है। यह डेमो भारत में Starlink की सर्विस शुरू करने से पहले जरूरी मंजूरियां (क्लियरेंस) पाने का एक बड़ा कदम है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही भारत में Starlink अपनी हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर सकती है। Starlink के आने से भारत के सैटेलाइट इंटरनेट मार्केट में नया कंपटीशन बढ़ेगा, क्योंकि यहां पहले से OneWeb और Jio-SES जैसी कंपनियां काम कर रही हैं।

सिक्योरिटी और टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग क्यों जरूरी हैं?

सूत्रों के मुताबिक, Starlink ने मुंबई में अपने गेटवे सेंटर पर डेमो रन किए हैं। यहां कंपनी ने भारत की सुरक्षा एजेंसियों को अपने सिस्टम की ताकत और भरोसेमंद तकनीक दिखानी है। यह टेस्टिंग दो सुरक्षा मानकों पर आधारित है, Lawful Interception System (LIS) और Lawful Interception Monitoring (LIM) जिनका मकसद यह देखना है कि नेटवर्क सुरक्षित और निगरानी योग्य है या नहीं। Starlink को भारत में GMPCS (Global Mobile Personal Communication by Satellite) लाइसेंस के तहत तकनीकी नियमों का पालन करना जरूरी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी करीब 600 गीगाबिट प्रति सेकंड की स्पीड पर काम करने की योजना बना रही है, जिससे करीब 1 लाख यूजर्स को तेज सैटेलाइट इंटरनेट से जोड़ा जा सकेगा। Starlink भारत में अपने नेटवर्क को बढ़ाने के लिए तीन गेटवे – मुंबई, नोएडा और चेन्नई में तैयारी कर रही है।

Starlink भारत में किस मिशन पर काम कर रही है?

Starlink के इंडिया मार्केट एक्सेस डायरेक्टर पार्निल उर्ध्वरेषे ने हाल ही में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC 2025) में कहा कि कंपनी भारत में ‘सुरक्षित, नियमों के अनुसार और हाई क्वालिटी वाली इंटरनेट सेवा’ देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि Starlink का मिशन खासकर उन ग्रामीण इलाकों तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाना है, जहां अब तक ब्रॉडबैंड की सुविधा मुश्किल से मिल पाई है। पार्निल उर्ध्वरेषे ने कहा कि दुनिया भर में Starlink के अधिकतर यूजर ग्रामीण इलाकों से हैं और कंपनी उन्हीं को ध्यान में रखकर सेवाएं तैयार करती है।

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट का भविष्य कैसा दिख रहा है?

Union Communications Minister ज्योतिरादित्य सिंधिया ने IMC 2025 में कहा कि भारत का सैटेलाइट कम्युनिकेशन (Satcom) बाजार वर्तमान में लगभग 4 अरब डॉलर का है और 2033 तक यह 15 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार सैटेलाइट टेक्नोलॉजी को ग्रामीण कनेक्टिविटी और डिजिटल इंडिया मिशन के लिए अहम मानती है। वहीं Department of Telecommunications (DoT) ने हाल ही में TRAI से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की कुछ सिफारिशों पर स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें शहरी ग्राहकों के लिए फीस और वार्षिक न्यूनतम चार्ज शामिल हैं। कुल मिलाकर मुंबई में Starlink का यह डेमो भारत में सैटेलाइट इंटरनेट युग की शुरुआत की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।