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SIM खरीदने के लिए नहीं देना होगा डॉक्यूमेंट, सरकार 1 जनवरी से ला रही नया नियम

DoT ने 1 जनवरी 2024 से नया सिम कार्ड खरीदने के KYC प्रक्रिया को बदलने का फैसला किया है। नया सिम लेने के लिए अब ग्राहकों को पेपर वाले फॉर्म भरने और डॉक्यूमेंट देने की जरूरत नहीं होगी।

Published By: Harshit Harsh | Published: Dec 06, 2023, 04:09 PM (IST)

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Highlights

  • DoT सिम कार्ड के लिए नया KYC नियम ला रहा है।
  • सिम कार्ड फ्रॉड रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
  • नया सिम कार्ड खरीदने के लिए अब पेपर वाले डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं होगी।
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SIM Card Rules: सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर को पूरी तरह से डिजिटलाइज्ड करने का फैसला किया है। DoT यानी दूरसंचार विभाग 1 जनवरी 2024 से नया सिम कार्ड खरीदने के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी तरह से बंद करने जा रहा है। नया सिम कार्ड खरीदने के लिए ग्राहकों को अब टेलीकॉम कंपनियों को किसी भी डॉक्यूमेंट की फोटोकॉपी नहीं देनी होगी। सरकार इस प्रक्रिया को पूरी तरह से पेपरलेस करने जा रही है। इसकी वजह से सिम कार्ड के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोका जा सकेगा। हाल ही में दूरसंचार विभाग ने बल्क में सिम कार्ड खरीदने के लिए नया नियम जारी किया है। news और पढें: खरीदने जा रहे सिम, पहले जान लें किसकी नेटवर्क कवरेज है बेस्ट

1 जनवरी से नई KYC प्रक्रिया

ET की रिपोर्ट के मुताबिक, DoT ने टेलीकॉम कंपनियों को नोटिफिकेशन जारी करके बताया कि 9 अगस्त 2012 से जारी KYC (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है। 1 जनवरी 2024 से पुराने KYC वेरिफिकेशन प्रक्रिया को रद्द किया जाएगा। दूरसंचार विभाग इसके लिए पेपरलेस KYC प्रक्रिया लाने की तैयारी में है। पेपर बेस्ड KYC खत्म होने और पेपरलेस KYC अपनाने से टेलीकॉम कंपनियों के कंज्यूमर एक्विजिशन कॉस्ट में भारी कमी आएगी। इसके अलावा सरकार को सिम कार्ड के जरिए होने वाले फ्रॉड रोकने में भी मदद मिलेगी। news और पढें: आपके नाम पर चल रही हैं कितनी Sim, ऐसे करें पता

पेपर बेस्ड कस्टमर वेरिफिकेशन सिस्टम में नए ग्राहक को कस्टमर एक्विजिशन फॉर्म (CAF) भरना होता है। इसके अलावा फॉर्म पर फोटोग्राफ लगाना होता है। साथ ही, यूजर्स को प्रूफ ऑफ आइडेंटिटी और प्रूफ ऑफ अड्रेस के डॉक्यूमेंट्स की कॉपी फॉर्म में लगानी पड़ती है।

सिम फ्रॉड पर लगेगा लगाम

हालांकि, सरकार ने सिम कार्ड के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए सिम कार्ड डीलर्स (PoS) के वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है। बिना वेरिफिकेशन वाले सिम कार्ड डीलर पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। साइबर अपराधी PoS यानी सिम कार्ड डीलर्स से सांठ-गांठ करके फर्जी डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके सिम कार्ड जारी करवाते हैं और उसके जरिए साइबर अपराध को अंजाम देते हैं। पेपरलेस KYC के लिए बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन अनिवार्य होता है। ऐसे में एक डॉक्यूमेंट पर बल्क में सिम कार्ड नहीं खरीदा जा सकेगा और फ्रॉड को रोकने में और ट्रैक करने में मदद मिलेगी।