
Mission Divyastra: PM Modi ने सोमवार शाम ट्वीट करते हुए DRDO साइंटिस्ट्स को बधाई देते हुए मिशन दिव्यास्त्र का जिक्र किया। इस मिशन के तहत भारत ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी से लैस Agni-5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण किया है। इसी संबंध में PM Modi ने Defense Research and Development Organization (DRDO) को बधाई दी है। इसके बाद से ही लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर यह ‘मिशन दिव्यास्त्र’ और MIRV टेक्नोलॉजी क्या है, जिसका परीक्षण Agni-5 मिसाइल में किया जा रहा है? आइए जानते हैं इस संबंध में सभी डिटेल्स।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (PM Modi) ने आज 11 मार्च की शाम अपने ऑफिशियल X (Twitter) हैंडल पर पोस्ट शेयर किया। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमें हमारे DRDO साइंटिस्ट पर गर्व है। मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी से लैस Agni-5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण।” इसी परीक्षण को Mission Divyastra का नाम दिया गया है।
Proud of our DRDO scientists for Mission Divyastra, the first flight test of indigenously developed Agni-5 missile with Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle (MIRV) technology.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 11, 2024
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी से लैस मिसाइल बहुत ही घातक होती है। इस टेक्नोलॉजी के सहारे एक सिंगल मिसाइल में कई घातक हथियारों को तैनात किया जा सकता है। साथ ही इन हथियारों को अलग-अलग युद्ध स्थलों पर भेदा जा सकता है। इस टेक्नोलॉजी के सहारे मिसाइल को घातक बनाया जाता है, जो कि युद्ध के दौरान एक तीर से कई निशाने साध सकती है। इसके जरिए वॉर में एक बार में ज्यादा से ज्यादा दुश्मनों का खात्मा किया जा सकता है।
आपको बता दें, फिलहाल MIRV टेक्नोलॉजी कुछ ही देशों के पास उपलब्ध है। इसमें अब भारत भी शामिल हो गया है। भारत से पहले इसमें अमेरिका, रूस, यूके व फ्रांस शामिल है। भारत द्वारा मिशन दिव्यास्त्र का परीक्षण भारत के दुश्मनों के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Manisha
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