Written By Mona Dixit
Published By: Mona Dixit | Published: Jul 20, 2024, 10:53 AM (IST)
Microsoft-Crowdstrike Outage: 19 जुलाई को माइक्रोसॉफ्ट आउटेज के कारण विंडोज पर काम कर रहे यूजर्स को Blue Screen Of death दिखी। इससे कई सर्विसेस ठप पड़ गईं। भारत में इस आउटेज से एयरलाइन्स और बैंक आदि प्रभावित हुए। और पढें: 15 जनवरी के बाद WhatsApp पर नहीं चलेगा ये AI असिस्टेंट, Meta की नई पॉलिसी के तहत हुआ बड़ा बदलाव
इस ग्लोबल आउटेज का कारण साइबर सुरक्षा फर्म Crowdstrike के द्वारा पुश किया गया सॉफ्टवेयर अपडेट था। कंपनी ने अपने ऑफिशियल ब्लॉग पोस्ट पर बताया कि विंडोज होस्ट के लिए फाल्कन कंटेंट अपडेट के साथ एक समस्या थी। और पढें: Microsoft 365 Copilot अब 1 साल तक फ्री, छात्रों के लिए बड़ा तोहफा, 30 नवंबर से पहले करें क्लेम
क्राउडस्ट्राइक के सीईओ जॉर्ज कर्टज ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि कोई सुरक्षा या साइबर घटना नहीं हुई। उनके ग्राहक पूरी तरह से सुरक्षित हैं… वे सभी प्रभावित ग्राहकों के साथ काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सिस्टम वापस आ गए हैं और वे सर्विसेस दे सकते हैं, जिन पर उनके ग्राहक भरोसा कर रहे हैं। और पढें: Windows 11 में आया अब तक का सबसे बड़ा अपडेट, मिलेंगे भर-भर के फीचर्स
Today was not a security or cyber incident. Our customers remain fully protected.
We understand the gravity of the situation and are deeply sorry for the inconvenience and disruption. We are working with all impacted customers to ensure that systems are back up and they can…
— George Kurtz (@George_Kurtz) July 19, 2024
कल के ग्लोबल आउटेज ने लोगों में हड़कंप मचा दिया था। आखिर क्या है Crowdstrike, जिसके एक अपडेट से पूरी दुनिया के काम रुक गए। आइये, डिटेल में जानते हैं।
Crowdstrike एक साइबर सुरक्षा कंपनी है। यह कंपनियों को सुरक्षा उल्लंघनों का पता लगाने और उन्हें रोकने में अहम रोल निभाता है। इस कंपनी की शुरुआत साल 2011 हुई थी। यह टेक्सास में स्थित है। इस कंपनी ने 2014 में सोनी पिक्चर्स हैक, 2015 और 2016 में डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी पर रूसी साइबर हमलों जैसे प्रमुख साइबर हमलों की जांच करने में मदद की है। दुनियाभर के ज्यादातर कम्प्यूटर और लैपटॉप के लिए यह एक एडवांस्ड साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशन देता है।
कंपनी का मेन प्रोडक्ट Falcon है, जो एक क्लाउड बेस्ड सॉल्यूशन है। यह नेटवर्क और एंडपॉइंट पर मैलिशियस फाइल्स का पता लगाने और रोकने के लिए AI टेक्नोलॉजी का यूज करता है। एक ही हब में कई सेफ्टी सॉल्यूशन को जोड़ता है, जिसमें एंटीवायरस क्षमताएं, एंडपॉइंट सुरक्षा, खतरे का पता लगाना और कंपनी के सिस्टम में अनऑथराइज्ड एक्सेस को रोकने के लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग करता है।
दुनियाभर की बड़ी-बड़ी कंपनियां इसका यूज करती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कल इनके सर्वर में एक क्रैश के कारण माइक्रोसॉफ्ट की सर्विसेस ठप पड़ गईं थीं।