
Meta अब अपने प्लेटफॉर्म्स पर एक नई टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग कर रहा है, जिसके तहत AI चैटबॉट्स खुद यूजर्स को पहले मैसेज भेज सकते हैं। यह सुविधा कंपनी के “Project Omni” का हिस्सा है, जिसका मकसद यूजर्स की फिर से एंगेजमेंट बढ़ाना और उन्हें लंबे समय तक प्लेटफॉर्म से जोड़े रखना है। इन चैटबॉट्स को Meta AI Studio के जरिए तैयार किया गया है एक ऐसा टूल जिससे कोई भी व्यक्ति बिना कोडिंग के अपना खुद का पर्सनलाइज्ड चैटबॉट बना सकता है।
हालांकि ये AI चैटबॉट्स खुद मैसेज भेज सकते हैं, लेकिन Meta ने स्पष्ट किया है कि वे तभी यूजर को फॉलो-अप मैसेज भेजेंगे जब यूजर पहले उन्हें कम से कम 5 मैसेज भेज चुका होगा और वह फॉलो-अप मैसेज भी केवल 14 दिनों की अवधि में ही संभव है। इसका उद्देश्य यह है कि बातचीत अधिक गहराई वाली और दिलचस्प बन सके। Meta के अनुसार “यह फीचर यूजर्स को अपनी इंटरेस्ट को और बेहतर तरीके से खोजने और बात को आगे बढ़ाने का मौका देता है।”
Meta AI Studio की मदद से यूजर्स अलग-अलग पर्सनालिटी वाले चैटबॉट्स बना सकते हैं जैसे कोई कुक जो रेसिपी बताता है या कोई इंटीरियर डिजाइनर जो सजावट की सलाह देता है। क्रिएटर्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स इन चैटबॉट्स का इस्तेमाल अपने फैंस के साथ बातचीत करने के लिए भी कर सकते हैं। ये चैटबॉट्स निजी भी रखे जा सकते हैं या सार्वजनिक रूप से स्टोरीज और डायरेक्ट लिंक के जरिए शेयर किए जा सकते हैं। आप चाहें तो इन्हें अपने Instagram या Facebook प्रोफाइल पर भी दिखा सकते हैं।
कंपनी को उम्मीद है कि जनरेटिव AI से उसे इस साल 2 से 3 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त कमाई हो सकती है और 2035 तक यह कारोबार 1.4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। भविष्य में Meta इन चैटबॉट्स के जरिए एडवरटाइजमेंट और सब्सक्रिप्शन मॉडल से कमाई कर सकता है। हालांकि कंपनी ने अभी तक इस फीचर को व्यावसायिक रूप से कैसे लॉन्च किया जाएगा, इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। Chatbots से जुड़े जोखिमों पर Meta ने साफ कहा है कि ये चैटबॉट्स प्रोफेशनल या एक्सपर्ट नहीं हैं और इनकी जानकारी कभी-कभी गलत भी हो सकती है।
Author Name | Ashutosh Ojha
Select Language