Written By Harshit Harsh
Published By: Harshit Harsh | Published: Oct 16, 2023, 04:20 PM (IST)
ISRO ने चन्द्रयान 3 की सफलता के बाद अंतरिक्ष में मानव भेजने की तैयारी कर ली है। इसरो ने इसे गगनयान मिशन का नाम दिया है। इस मिशन के लिए पहली टेस्ट फ्लाइट शनिवार 21 अक्टूबर सुबह 7 से 9 बजे के बीच अंतरिक्ष में भेजी जाएगी। इसरो ने अपने X (ट्विटर) हैंडल से इस बात की घोषणा की है। इससे पहले इसरो ने हाल ही में अपना पहला सूर्य मिशन लॉन्च किया है, जिसके लिए Aditya L1 को अंतरिक्ष में भेजा गया है। जल्द ही, इसरो का यह अंतरिक्षयान सूर्य की बाहरी कक्षा में मौजूद लॉरेंज प्वाइंट पर पहुंच जाएगा। इस मिशन के जरिए इसरो सूर्य के वातावरण की स्टडी करेगा। और पढें: Gaganyaan Mission में इंसान से पहले ‘हाफ-ह्यूमनॉइड Vyommitra’ जाएगा अंतरिक्ष में, क्या है इसके पीछे ISRO का मास्टरप्लान?
ISRO ने अपने X पोस्ट में पताया कि गगनयान मिशन के लिए पहला मानवरहित टेस्ट फ्लाइट TV-D1 21 अक्टूबर सुबह 7 से 9 बजे के बीत शेड्यूल किया गया है। इसे आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC) से भेजा जाएगा। और पढें: ISRO का बड़ा कारनामा, GSLV-F15 के साथ NVS-02 नेविगेशन सैटेलाइट की लॉन्च
Mission Gaganyaan:
The TV-D1 test flight is scheduled for
🗓️October 21, 2023
🕛between 7 am and 9 am
🚩from SDSC-SHAR, Sriharikota #Gaganyaan pic.twitter.com/7NbMC4YdYDऔर पढें: National Space Day: आज ही के दिन क्यों मनाया जा रहा नेशनल स्पेस डे, जानें इसके पीछे की पूरी कहानी
— ISRO (@isro) October 16, 2023
इस टेस्ट फ्लाइट को भेजकर इसरो क्रू एस्केप सिस्टम (Crew Escape System) यानी अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्षयात्रियों के सुरक्षित निकलने की प्रक्रिया को टेस्ट करेगा। गगनयान मिशन का यह टेस्ट फ्लाइट धरती की कक्षा से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में इस एस्केप सिस्टम को टेस्ट करेगा। इसमें अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों को किस तरह अंतरिक्ष से उतारकर बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित लैंड कराया जा सकेगा, उसे परखा जाएगा। इस टेस्टिंग के बाद गगनयान मिशन के तहत इसरो अंतरिक्ष में पहली बार मानव को भेजेगा।
इसरो ने इस टेस्ट वीकल डेवलपमेंट फ्लाइट (TV-D1) को क्रू मेंबर के आउटर स्पेस में जाने के बाद धरती पर वापस लौटने के लिए डिजाइन किया है ताकि अतंरिक्ष में जाने के बाद यात्रियों को वापस सुरक्षित बंगाल की खाड़ी में उतारा जा सके।
Gaganyaan Mission के इस टेस्ट फ्लाइट में दो पेलोड्स लगे हैं, जिनमें क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम शामिल हैं। ये दोनों पेलोड्स फास्ट एक्टिंग सॉलिड मोटर CM फेयरिंग (CMF) और इंटरफेस अडेप्टर से लैस हैं। धरती की कक्षा से 17 किलोमीटर ऊपर ये दोनों पेलोड्स अलग हो जाएंगे। वापसी में क्रू एस्केप मॉड्यूल श्रीहरिकोटा से 10 किलोमीटर दूर समुद्र में लैंड करेगा। इस मॉड्यूल की इससे पहले कई बार इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग पूरी की जा चुकी है।