Written By Ajay Verma
Published By: Ajay Verma | Published: Apr 21, 2023, 09:11 PM (IST)
वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप Netflix दुनियाभर के लोगों के बीच काफी पॉपुलर है और यही कारण है कि अब हैकर्स ने भी इस प्लेटफॉर्म का सहारा लेकर यूजर्स को निशाना बनाया है। हाल ही में आई काउंटर प्वाइंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर ठगों ने नेटफ्लिक्स के नाम पर फर्जी इमेल भेजकर यूजर्स की पेमेंट डिटेल चुराई हैं। बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, लिंक्डइन और वॉलमार्ट जैसी कंपनियां भी इस तरह के साइबर हमलों का शिकार हुई हैं। और पढें: Spotify और Netflix जल्द ला रहे हैं पॉडकास्टिंग का नया तरीका, अब लोग पॉडकास्ट में सीधे ले सकते हैं हिस्सा
रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्चर्स की एक टीम ने एक फिशिंग अटैक का पता लगाया, जिसे 2023 की पहली तिमाही अंजाम दिया गया। इस फिशिंग अटैक में हैकर्स ने नेटफ्लिक्स के नाम का सहारा लेकर फेक इमेल के जरिए यूजर्स की पेमेंट डिटेल चोरी की। और पढें: Netflix यूजर्स खुश हो जाइए, अब TV पर भी खेल सकेंगे Video Games, फोन बनेगा कंट्रोलर
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कई मामलों में देखा गया कि अटैक्स को खासतौर पर निजी जानकारी चुराने के लिए डिजाइन किया गया था, जैसा कि Raiffeisen कैंपेन के साथ देखा गया। इस तरह के मामलों में भी नेटफ्लिक्स के नाम की मदद ली गई थी। और पढें: Elon Musk के एक ट्वीट के बाद Netflix का Subscription रद्द कर रहे लोग, जानें क्यों
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि फेक ईमेल को देखने से पता चला कि यह Netflix की ओर से भेजा गया था। इसका ईमेल एड्रेस support@bryanadamstribute[.]dk और सबजेक्ट सेक्शन में Update required – Account on hold लिखा था। ईमेल के मैसेज बॉक्स में लिखा गया था कि नेटफ्लिक्स ने आपके अकाउंट को सस्पेंड कर दिया है। इसे दोबारा एक्टिवेट करने के लिए पेमेंट करें।
फर्जी ईमेल में सब्सक्रिप्शन को दोबारा एक्टिवेट करने के लिए एक मैलिशियस लिंक भी दिया गया था, जिससे यूजर्स का डेटा हैकर्स तक पहुंच रहा था।
काउंटर प्वाइंट के डेटा ग्रुप मैनेजर Dembinsky ने कहा कि फिशिंग अटैक के शिकार सबसे ज्यादा वो यूजर्स होते हैं, जिन्हें टेक्नोलॉजी के बारे में ज्यादा नहीं पता है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में यूजर्स को फिशिंग अटैक से जुड़ी हर प्रकार की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए, जिससे वह फर्जी मैसेज और ईमेल की आसानी से पहचान कर सकें। इससे वह अपने साथ-साथ दूसरों को भी साइबर हमलों से बचा सकेंगे।