
Written By Ashutosh Ojha
Edited By: Ashutosh Ojha | Published By: Ashutosh Ojha | Published: Sep 04, 2025, 12:50 PM (IST)
GST
भारत सरकार ने हाल ही में GST में बड़ा बदलाव किया है, जो 22 सितंबर 2025 से लागू होगा। अब टैक्स को आसान बनाकर सिर्फ दो हिस्सों में बांटा गया है। इसका असर सीधे घरेलू सामानों की कीमतों पर पड़ेगा। खासकर TV, AC और डिशवॉशर जैसे सामान अब पहले से सस्ते मिलेंगे। बता दें पहले TV, AC पर 28% GST लगता था लेकिन अब उसको घटाकर 18% कर दिया है, सरकार का कहना है कि इन चीजों पर टैक्स घटाने से आम लोगों की जेब पर बोझ कम होगा और बाजार में खरीददारी बढ़ेगी। और पढें: GST कटौती के बाद Tablets के गिरे दाम, 10,000 से कम में खरीदने का मौका, लैपटॉप की कमी होगी पूरी
लेकिन सवाल यह है कि क्या मोबाइल फोन भी इसी टैक्स कटौती की लिस्ट में शामिल हुए हैं? दरअसल, स्मार्टफोन पर फिलहाल 18% GST लगता है और सरकार ने इसमें कोई बदलाव नहीं किया है। यानी मोबाइल फोन की कीमतों में फिलहाल कोई कमी नहीं आने वाली। यह खबर उन लोगों के लिए निराशाजनक हो सकती है, जो त्योहारों के सीजन में नए फोन खरीदने का प्लान बना रहे थे। स्मार्टफोन इंडस्ट्री लंबे समय से टैक्स कम करने की मांग कर रही थी, लेकिन सरकार ने इस सेक्टर को राहत नहीं दी। और पढें: GST Rate Cut के बाद 75, 65 और 50 इंच Smart TVs हुए सस्ते, 31999 रुपये से कम में खरीदें
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने मोबाइल फोन पर टैक्स स्लैब में बदलाव न करके उन्हें गैर-जरूरी श्रेणी में रखा है। यह हैरान करने वाली बात है क्योंकि TV और AC जैसे प्रोडक्ट को तो जरूरत मानकर टैक्स घटा दिया गया है। मोबाइल इंडस्ट्री उम्मीद कर रही थी कि टैक्स 18% से घटाकर 5% कर दिया जाएगा, जिससे फोन की कीमतें काफी कम हो सकती थीं, लेकिन सरकार के लिए यह एक बड़ी कमाई का जरिया है। स्मार्टफोन की भारी मांग को देखते हुए टैक्स में कटौती से सरकार के राजस्व पर असर पड़ सकता था, इसलिए फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया।
त्योहारों के समय कंपनियां और ग्राहक दोनों ही ऑफर और डिस्काउंट का इंतजार करते हैं। इस बार TV, AC और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामान पर GST घटने से खरीदारी बढ़ सकती है। अगर आप बड़ा LED TV या AC लेना चाहते हैं तो 22 सितंबर के बाद ये सस्ते मिलेंगे। लेकिन मोबाइल फोन पर GST में कोई बदलाव नहीं हुआ है, इसलिए ग्राहकों को सिर्फ ब्रांड्स और ऑनलाइन सेल के ऑफर का ही इंतजार करना होगा।
GST 2.0 पर टेक इंडस्ट्री से जुड़े दिग्गजों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी है। यहां देखें सभी की प्रतिक्रियाएं…
राजीव सिंह का कहना है कि सरकार का नया GST reform इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ा कदम है। अब टैक्स स्लैब को सिर्फ दो हिस्सों में बांट दिया गया है, जिससे कंपनियों को नियम समझने और पालन करने में आसानी होगी। इसका फायदा मैन्युफैक्चरर, दुकानदार और ग्राहकों तीनों को मिलेगा क्योंकि पूरी सप्लाई चेन की लागत कम होगी। इससे प्रोडक्ट्स सस्ते होंगे और ज्यादा लोग खरीद पाएंगे। साथ ही यह कदम भारत में स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग और नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देगा। मॉनिटर और प्रोजेक्टर जैसे सामान पर टैक्स कम होने से स्कूल, कॉलेज और ऑफिस भी डिजिटल टेक्नोलॉजी को और आसानी से अपना सकेंगे।
आदित्य खेमका का कहना है कि यह GST reform भारत की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के लिए आगे बढ़ने वाला कदम है। इलेक्ट्रॉनिक सामान, चिप बनाने वाली चीजें और लॉजिस्टिक्स पर टैक्स कम होने से निगरानी (CCTV, सुरक्षा कैमरे) जैसे सिस्टम की कीमतें घटेंगी। इसका फायदा कंपनियों, सोसाइटियों और शहरों को मिलेगा क्योंकि अब सुरक्षा की चीजें सस्ती होंगी। हां, आउटसोर्स काम पर कुछ ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा, लेकिन कुल मिलाकर यह सुधार चीजों को किफायती बनाएगा और “आत्मनिर्भर भारत” के लक्ष्य को मजबूत करेगा। इससे पूरे देश में आधुनिक सुरक्षा व्यवस्था तेजी से लागू हो सकेगी और शहरों को और सुरक्षित व स्मार्ट बनाया जा सकेगा।
पंकज राणा के अनुसार TV और AC पर GST में कटौती ऐसे समय पर आई है जब लोग त्योहारों की तैयारी कर रहे हैं। अब छोटे शहरों और कस्बों में भी लोग आसानी से अच्छी क्वालिटी और बिजली बचाने वाले प्रोडक्ट खरीद पाएंगे। Hisense इंडिया हमेशा से कोशिश करता है कि इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी भारतीय घरों तक सही कीमत पर पहुंचे। यह सुधार उनकी कंपनी के प्रोडक्ट्स को और भी ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचाएगा। नतीजा यह होगा कि लोगों को सस्ते दाम में बेहतर सुविधा मिलेगी।
राजनीश कुमार का कहना है कि सरकार का नया GST reform “Ease of Doing Business” और “Ease of Living” दोनों को आसान बनाएगा। इससे किसानों, छोटे कारोबारियों, बुनकरों और MSMEs को बड़ा फायदा होगा क्योंकि उनकी लागत कम होगी और वे आसानी से ऑनलाइन मार्केट से जुड़ सकेंगे। त्योहारों से पहले यह बदलाव होने से हर कैटेगरी में खरीदारी बढ़ेगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और छोटे से छोटे विक्रेता को भी बड़ा बाजार मिलेगा। यह कदम भारत को “विकसित भारत” बनाने की दिशा में और तेजी से आगे ले जाएगा।