
भारत सरकार देसी स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम कर रही है, जो Android और iOS को चुनौती देगा। सरकार भारतीय यूजर्स को एक सिक्योर एक्सपीरियंस देने के लिए इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। सामने आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, यह देसी ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर्स को सुरक्षित यानी सिक्योर एक्सपीरियंस देने के साथ-साथ Google और Apple को सही चुनौती देगा। पिछले कुछ सालों में यूजर डेटा चोरी और साइबर क्राइम की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसे देखते हुए सरकार देसी ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाले एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि भारत इस समय दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल डिवाइस मार्केट है। सरकार भारतीय यूजर्स के लिए देसी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार करना चाहती है, जो उन्हें Android और iOS के अलावा एक और च्वॉइस दे सके। यह ऑपरेटिंग सिस्टम Android को मार्केट शेयर को कम करने के लिए होगा।
इस समय स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम के क्षेत्र में गूगल के Android का मार्केट शेयर 97 प्रतिशत है। वहीं, Apple का मार्केट शेयर महज 3 प्रतिशत है। सामने आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार इस ऑपरेटिंग सिस्टम को IndOS के नाम से लॉन्च कर सकती है, जिसमें सुरक्षित साइड लोडिंग ऐप्स यूजर्स को मिल सके या फिर गूगल या स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां OEM यूजर्स को मौजूदा ऑपरेटिंग सिस्टम में अतिरिक्त सुरक्षा देने का वादा करे।
हालांकि, Android स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां यूजर्स को डेटा सुरक्षा देने से मुकर रही है। कंपनियों का कहना है कि वो सिर्फ डिवाइस बनाते हैं और उसके ऑफ्टर सेल सर्विस और वारंटी आदि का ध्यान रखते हैं। मोबाइल कंपनियों ने कहा कि यह गूगल की जिम्मेदारी है कि वो यूजर्स को डेटा सुरक्षा देने का वादा करे क्योंकि Android गूगल का प्रोडक्ट है।
हाल के दिनों में गूगल के एंड्रॉइड डिवाइस में कई थर्ड पार्टी ऐप्स द्वारा यूजर डेटा चोरी की खबरें सामने आई हैं। गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद कई थर्ड पार्टी ऐप्स की वजह से यूजर्स की निजी जानकारियां चोरी हुई है। हालांकि, गूगल ने हमेशा थर्ड पार्टी ऐप्स द्वारा की जाने वाली डेटा चोरी की घटनाओं को नकारा है। गूगल ने दावा किया है कि प्ले स्टोर पर मौजूद प्ले प्रोटेक्ट फीचर की वजह से इस पर मौजूद ऐप्स यूजर्स के लिए सुरक्षित हैं।
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