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Google ने भारत के लिए नए AI Safety Tools का किया ऐलान, स्कैमर्स की बजने वाली है बैंड

भारत में बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए Google ने नए AI Safety Tools लॉन्च किए हैं। ये फीचर्स यूजर्स को स्क्रीन-शेयरिंग स्कैम, फेक ऐप्स, गलत जानकारी और OTP फ्रॉड से बचाने में मदद करेंगे। आइए जानते हैं...

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Nov 20, 2025, 03:45 PM (IST)

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भारत में ऑनलाइन ठगी और डिजिटल धोखाधड़ी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे समय में Google ने गुरुवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारत के लिए कई नए AI से जुड़ी सुरक्षा फीचर्स और पहल की घोषणा की। कंपनी का कहना है कि ये नए अपडेट भारतीय यूजर्स को ऑनलाइन खतरों से बचाने, उनकी प्राइवेसी सुरक्षित रखने और टेक्नोलॉजी के सुरक्षित यूज को बढ़ावा देने के लिए तैयार किए गए हैं। Google ने बताया कि ये फीचर्स आने वाले भारत AI Impact Summit (19-20 फरवरी 2026) से पहले लॉन्च किए जा रहे हैं, ताकि देश में सुरक्षित डिजिटल एक्सपीरियंस को और बेहतर किया जा सके।

स्क्रीन-शेयरिंग स्कैम अलर्ट फीचर कैसे बचाएगा यूजर्स के पैसे?

कंपनी ने अपने Google Pay डिविजन के साथ मिलकर Paytm जैसे फेमस ऐप्स में स्क्रीन-शेयरिंग स्कैम अलर्ट फीचर को पायलट तौर पर शुरू किया है। यह फीचर Android 11 और उससे ऊपर के वर्जन में उपलब्ध होगा। अगर कोई यूजर किसी अनजान व्यक्ति के साथ स्क्रीन शेयर कर रहा हो और उसी दौरान इन वित्तीय ऐप्स को खोले, तो फोन तुरंत चेतावनी दिखाएगा। यह कदम इस वजह से जरूरी माना जा रहा है क्योंकि हाल के समय में स्क्रीन-शेयरिंग के जरिए बैंकिंग ऐप्स को नियंत्रित कर पैसे चुराने वाले मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई है।

OTP में कई तरह की खामियां

Google ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए Enhanced Phone Number Verification (ePNV) नाम की नई सुरक्षा टेक्नोलॉजी का ऐलान किया है। यह सिस्टम मौजूदा OTP आधारित वेरिफिकेशन को बदल देगा। कंपनी का कहना है कि OTP में कई तरह की खामियां होती हैं, जिन्हें स्कैमर्स आसानी से निशाना बनाते हैं। नया ePNV एक ‘सिक्योर, कंसेंट-बेस्ड SIM चेक सिस्टम’ है जो बिना OTP के ही सुरक्षित तरीके से यूजर की पहचान की पुष्टि करेगा। इसी के साथ Google का Real-time Scam Detection फीचर, जो ऑन-डिवाइस AI मॉडल Gemini Nano की मदद से कॉल में संभावित स्कैम को पहचानता है, अब Pixel डिवाइसेज में रोलआउट हो रहा है। खास बात यह है कि यह फीचर किसी भी ऑडियो को रिकॉर्ड नहीं करता और न ही Google को कोई डेटा भेजता है। यह डिफॉल्ट रूप से बंद रहता है और यूजर चाहें तो इसे ऑन कर सकते हैं।

Google Play Protect और SynthID से ऑनलाइन ठगी पर कैसे लगेगी लगाम?

इसके अलावा कंपनी ने बताया कि Google Play Protect ने अब तक भारत में करीब 11.5 करोड़ बार ऐसे ऐप इंस्टॉल होने से रोका है जो साइडलोडिंग के जरिए फोन में आते हैं और संवेदनशील परमिशन का गलत इस्तेमाल करते हैं। ये ऐप अक्सर फाइनेंशियल फ्रॉड में यूज होते हैं। साथ ही Google ने अपने AI-वॉटरमार्किंग टेक्नोलॉडजी SynthID की पहुंच भी बढ़ाई है। अब इसे रिसर्चर्स, मीडिया पब्लिशर्स और शैक्षणिक संस्थानों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि AI से बनी कंटेंट की पहचान करना आसान हो सके और गलत सूचना पर लगाम लगाई जा सके। इन सभी फीचर्स और पहलों के साथ Google का उद्देश्य भारत में डिजिटल सुरक्षा को एक नए स्तर पर ले जाना है, जहां यूजर न केवल टेक्नोलॉजी का बेहतर यूज कर सकें बल्कि हर तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी से भी सुरक्षित रह सकें।