Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Nov 12, 2025, 03:13 PM (IST)
Google battery warning
अगर आपका Android फोन अक्सर जल्दी बैटरी खत्म कर देता है और आप समझ नहीं पाते कि कौन-सा ऐप इसका कारण है, तो अब Google इसका हल लेकर आया है। कंपनी ने एक नया सिस्टम तैयार किया है जो यूजर्स को तब चेतावनी देगा जब कोई ऐप बैकग्राउंड में चुपचाप ज्यादा पावर कंजप्शन करेगा। इस फीचर का मकसद यूजर्स को यह समझने में मदद करना है कि कौन-से ऐप उनकी बैटरी को प्रभावित कर रहे हैं, ताकि वे अपने फोन की बैटरी लाइफ पर ज्यादा कंट्रोल रख सकें। Google Play Store के इस अपडेट से यूजर्स को ज्यादा बेहतर एक्सपीरियंस मिलेगा। और पढें: Google Play Store में आया नया फीचर, एक साथ कई ऐप कर पाएंगे अपडेट
कई सालों से Android यूजर्स यह समझ नहीं पाते थे कि कौन-सा ऐप फोन की बैटरी को तब भी इस्तेमाल करता है जब फोन की स्क्रीन बंद होती है। कई ऐप्स ‘wake locks’ नाम की परमिशन का इस्तेमाल करते हैं जिससे फोन का CPU लगातार एक्टिव रहता है। हालांकि यह म्यूजिक प्लेयर या डाउनलोड ऐप्स के लिए जरूरी होता है लेकिन कुछ खराब तरीके से बने ऐप्स इसका गलत इस्तेमाल करते हैं। इसे रोकने के लिए Google ने ‘Excessive Partial Wake Locks’ नाम का नया परफॉर्मेंस ट्रैकिंग सिस्टम शुरू किया है, जो उन ऐप्स को पहचानता है जो बिना जरूरत के फोन को एक्टिव रखते हैं।
Google के अनुसार, अगर कोई ऐप 24 घंटे में 2 घंटे से ज्यादा समय तक गैरजरूरी रूप से CPU को एक्टिव रखता है, तो उसे ‘excessive’ यानी battery-efficient ऐप माना जाएगा। अगर ऐसा 28 दिनों में 5% से ज्यादा यूजर्स के फोन पर होता है तो Google Play Store पर उस ऐप को ‘poor battery performance’ के रूप में दिखाया जाएगा। इतना ही नहीं 1 मार्च 2026 से ऐसे ऐप्स के पेज पर लाल रंग का चेतावनी लेबल दिखेगा जिसमें लिखा होगा ‘This app may use more battery than expected due to high background activity’ इसका मतलब है कि यूजर्स को अब पहले से पता चल जाएगा कि कौन-सा ऐप बैटरी खत्म करने वाला होगा।
Google ने यह सिस्टम अकेले नहीं बनाया, बल्कि Samsung के साथ मिलकर इसे डेवलप किया है। दोनों कंपनियों ने Pixel और Galaxy डिवाइसेज से मिले असली डेटा का इस्तेमाल कर इस सिस्टम को संतुलित बनाया है ताकि यह सही तरीके से असली बैटरी ड्रेन करने वाले ऐप्स को पहचान सके। इस फीचर से Android यूजर्स को अब एक बड़ा फायदा मिलेगा, वे आसानी से देख पाएंगे कि कौन-सा ऐप उनकी बैटरी खत्म कर रहा है और चाहें तो उस ऐप की बैकग्राउंड एक्सेस बंद कर सकते हैं या उसे हटा सकते हैं। आने वाले समय में इससे Android सिस्टम और भी बेहतर और एनर्जी-इफिशिएंट हो जाएगा, जिससे फोन की बैटरी लाइफ भी बढ़ेगी। Google का यह कदम यूजर्स को कंट्रोल देने और डेवलपर्स को जिम्मेदार बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।