Edited By: Harshit Harsh | Published By: Harshit Harsh | Published: Jul 18, 2023, 02:54 PM (IST)
Google जल्द ही एंड्रॉइड यूजर्स के लिए Connected Flight मोड फीचर लाने वाला है। गूगल का यह फीचर एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने वाले डिवाइसेज जैसे कि स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट पर काम करेगा। इस फीचर के रोल आउट होने के बाद हवाई यात्रा करने वाले यूजर्स के एंड्रॉइड फोन में ऑटोमैटिकली फ्लाइट मोड ऑन हो जाएगा। विमान से उतरते ही विमान यात्री के एंड्रॉइड डिवाइस से फ्लाइट मोड हट जाएगा। गूगल ने इस कनेक्टेड फ्लाइट मोड फीचर का पेटेंट अप्लाई किया है, जिसकी डिटेल ऑनलाइन लीक हुई है। और पढें: इंटरनेट के बिना भी Google Maps से पाएं रास्ता, जानें ये आसान ट्रिक
Android डिवाइसेज के लिए इस फीचर के रोल आउट होने के बाद फ्लाइट अटेंडेंट को अपने मोबाइल डिवाइस को फ्लाइट मोड पर डालने की घोषणा नहीं करनी पड़ेगी। साथ ही, यात्रियों को भी फ्लाइट से उतरने के बाद फ्लाइट मोड हटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। और पढें: Android यूजर्स के लिए खुशखबरी, Google लाया Emergency Live Video फीचर
गूगल के लीक हुए पेटेंट के मुताबिक, यह फीचर यूजर के डिवाइस के सेंसर्स का इस्तेमाल करके यह पता लगा सकेगा कि वो अभी फ्लाइट में है। इसके लिए डिवाइस में मौजूद एक्सीलरेशन या वेलोसिटी सेंसर, केबिन साउंड्स, अल्ट्रासोनिक सिग्नल, जीपीएस सिग्नल, सेलुलर आईडी, वाई-फाई सिग्नल, प्रेशर सेंसर आदि का इस्तेमाल किया जाएगा। जैसे ही यात्री विमान में बैठेंगे या फिर उतरेंगे ये सेंसर डिवाइस को ऑटोमैटिकली फ्लाइट मोड पर डाल देगा और फ्लाइट मोड हटा देगा। और पढें: लॉन्च से पहले Google Pixel 10a के स्पेसिफिकेशन ऑनलाइन लीक, जानें यहां
कनेक्टेड फ्लाइट मोड फीचर ऑन होने के बाद यूजर फ्लाइट में न तो कॉल रिसीव कर सकेंगे और न ही कोई टेक्स्ट मैसेज कर पाएंगे। यह फीचर केवल यूजर्स को अपने डिवाइस में ब्लूटूथ और वाई-फाई एक्सेस करने देगा, जिसका इस्तेमाल करके यूजर इन-फ्लाइट इंटरनेट सर्विस और म्यूजिक आदि सुनने के लिए कर सकेंगे।
अगर, आप विमान यात्रा करने वाले हैं तो फ्लाइट में बैठने के बाद मोबाइल डिवाइस में फ्लाइट मोड ऑन करना जरूरी होता है। ऐसा इसलिए ताकि मोबाइल नेटवर्क सिग्नल की फ्रिक्वेंसी और फ्लाइट को एयर ट्रैफिक कंट्रोल से कनेक्ट करने की फ्रिक्वेंसी ओवरलैप न करें और विमान की उड़ान पर असर न पड़ सके। फ्लाइट मोड ऑन करने पर यात्रियों का मोबाइल डिवाइस नेटवर्क से डिसकनेक्ट हो जाता है और फ्रिक्वेंसी में कोई ओवरलैप नहीं होगा।