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क्या बिना इजाजत Gemini पढ़ेगा आपकी WhatsApp चैट्स? 7 जुलाई से होगा नया नियम लागू

गूगल का नया फैसला लोगों के बीच चिंता का कारण बन गया है। 7 जुलाई से Gemini AI आपके फोन के ऐप्स जैसे WhatsApp और कॉल से खुद बात कर सकेगा, चाहे आपने इसकी इजाजत दी हो या नहीं। इससे प्राइवेसी को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Jun 25, 2025, 07:32 PM (IST)

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गूगल ने कुछ एंड्रॉइड यूजर्स को एक ईमेल भेजा है, जिसमें जानकारी दी गई है कि उसका Gemini AI अब मोबाइल के कुछ ऐप्स जैसे Phone, Messages, WhatsApp और Utilities से खुद ही इंटरैक्ट कर सकेगा, चाहे आपने वह फीचर ऑन किया हो या नहीं। यह बदलाव 7 जुलाई से अपने आप लागू हो जाएगा। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस ईमेल के स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं, जिससे यह खबर वायरल हो गई है। हालांकि अभी तक गूगल ने इस अपडेट की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। news और पढें: WhatsApp पर बनाएं Nano Banana वाली वायरल तस्वीरें, जानें कैसे

क्या है ईमेल में confusion

गूगल द्वारा भेजे गए इस ईमेल का टाइटल है “We’ve made it easier for Gemini to interact with your device”, यानी “हमने Gemini को आपके डिवाइस के साथ बातचीत करना आसान बना दिया है।” इसमें बताया गया है कि Gemini अब इन ऐप्स से डेटा ले सकेगा, चाहे आपने ‘Gemini Apps Activity’ फीचर ऑन किया हो या नहीं। वहीं दूसरी तरफ ईमेल के आखिर में यह भी कहा गया है कि अगर आप इस सुविधा का उपयोग नहीं करना चाहते तो उसे बंद भी कर सकते हैं। लेकिन इसमें यह साफ नहीं बताया गया है कि उसे बंद कैसे किया जाए। news और पढें: Google Gemini Durga Puja trend: दुर्गा पूजा से लेकर गरबा नाइट तक, Nano Banana इन प्रोम्प्ट्स के साथ बना रहा खूबसूरत तस्वीरें

क्या है प्राइवेसी को लेकर चिंता

इस फैसले को लेकर यूजर्स के बीच प्राइवेसी को लेकर चिंता बढ़ गई है। पहले यूजर्स Gemini ऐप के सेटिंग्स में जाकर तय कर सकते थे कि कौन-कौन से ऐप्स को AI से जोड़ना है। लेकिन अब अगर AI खुद से ऐप्स से डेटा ले सकता है, तो लोगों को डर है कि उनकी निजी बातचीत और कॉल की जानकारी कहीं कंपनी के सर्वर पर सेव तो नहीं हो जाएगी। हालांकि गूगल पहले भी Google Assistant के जरिए ऐसा कर चुका है, लेकिन Gemini एक एडवांस AI मॉडल है, जिससे डेटा का इस्तेमाल और स्टोरेज कैसे होगा यह साफ नहीं है।

क्या यह सिर्फ बीटा यूजर्स के लिए है?

कुछ टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह ईमेल शायद सिर्फ बीटा टेस्टिंग करने वाले यूजर्स को भेजा गया हो, ताकि गूगल नए बदलावों को पहले इन यूजर्स पर लागू कर सके। हो सकता है कि 7 जुलाई के अपडेट के बाद गूगल कोई नया तरीका पेश करे जिससे लोग इन AI इंटरेक्शन फीचर्स को बंद कर सकें। लेकिन जब तक गूगल की तरफ से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं आती, तब तक यह कहना मुश्किल है कि आम यूजर्स को यह सुविधा मिलेगी या नहीं। फिलहाल इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर बहस जारी है।