Published By: Mona Dixit | Published: Jul 17, 2023, 10:23 AM (IST)
Today Google Doodle: आज का गूगल डूडल बेहद खास है। गूगल ने आज 11 स्लाइड का डूडल बनाया है। कंपनी आज यानी 17 जुलाई को अपने खास गूगल डूडल के जरिए अमेरिकी वैज्ञानिक और महिला अधिकार कार्यकर्ता यूनिस न्यूटन फूटे (Eunice Newton Foote) का 204वां जन्मदिन मना रही है। बता दें कि फूटे ग्रीनहाउस इफेक्ट और पृथ्वी की जलवायु के गर्म होने में इसकी भूमिका की खोज करने वाली पहली व्यक्ति थीं। आइये, जानें क्यों इतना खास है। और पढें: International Women’s Day पर बना खास Google Doodle, ऐसे दिया महिलाओं को सलाम
गूगल ने आज कुल 11 स्लाइड का डूडल बनाकर Eunice Newton Foote का 204वां जन्मदिन मनाया है। गूगल डूडल पर क्लिक करते ही स्लाइड ओपन होकर आ रही हैं। हर एक स्लाइड में Foote और उनके द्नारा की गई खोज के बारे में बताया गया है। और पढें: Google Doodle Today Republic Day 2024: गूगल मना रहा 75वां गणतंत्र दिवस, बनाया खास डूडल
जैसे ही आप गूगल डूडल पर क्लिक करेंगे। वह एक स्लाइड फॉर्मेट में ओपन होकर जाएगा। अब आप एक-एक स्लाइड से सारी जानकारी पा सकते हैं। और पढें: Google ने बनाया खास Doodle, ICC World Cup 2023 फाइनल को इस तरह किया सेलिब्रेट
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूनिस न्यूटन फूटे का जन्म 17 जुलाई, 1819 में कनेक्टिकट में हुआ था। उन्होंने ट्रॉय फीमेल सेमिनरी में दाखिला लिया। यह एक ऐसा स्कूल है, जो छात्रों को साइंस लेक्चर में शामिल होने और रसायन विज्ञान लैब में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता था। साइंस को अपना जुनून बनाने के बाद उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए अभियान चलाने में भी अपना समय दिया। 1848 में फूटे ने सेनेका फॉल्स में पहले महिला अधिकार सम्मेलन में भाग लिया।
यूनिस न्यूटन फूटे ने सन 1856 में वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड के खतरनाक प्रभावों की खोज की। इसे ‘ग्रीनहाउस प्रभाव’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने गर्म होने पर बाहरी हवा की तुलना में विभिन्न गैसों के तापमान को अब्जर्व किया। CO2 और जलवाष्प बाहरी हवा की तुलना में अधिक गर्म होते हैं और वापस ठंडा होने में बहुत अधिक समय लेते हैं।
पृथ्वी से देखे जाने पर सूर्य का कुछ प्रकाश अवरक्त विकिरण के रूप में उत्सर्जित होता है। ‘ग्रीनहाउस प्रभाव’ COs जैसी गैसों द्वारा निर्मित होता है, जो गर्मी को अवशोषित करते हैं और इसे वापस पृथ्वी पर परावर्तित करते हैं।
वायुमंडल में इन ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ती सांद्रता के कारण समय के साथ पृथ्वी का तापमान बढ़ता है। लगभग एक शताब्दी तक उनके अध्ययन को आम तौर पर नजरअंदाज किया गया। फूटे जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सोचने वाली पहली वैज्ञानिक थी। फूटे की उपलब्धियां 1888 में उनकी मृत्यु के बाद एक सदी से भी अधिक समय तक लगभग अज्ञात रहीं।
जब यह पता चला कि फूटे का काम जॉन टाइन्डल द्वारा की गई खोजों से पहले का है तो इक्कीसवीं सदी में फूटे के काम को पहचाना गया। अब आज Google Doodle भी अपनी तरह से उनका जन्मदिन मनाकर उनके बारे में लोगों को बता रहा है।