Written By Harshit Harsh
Published By: Harshit Harsh | Published: Oct 21, 2023, 07:11 PM (IST)
ISRO के पहले ह्यूमन अंतरिक्ष मिशन गगनयान का पहला टेस्ट वीकल आज यानी 21 अक्टूबर को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के इस मिशन में चीफ एस सोमनाथ समेत कई वैज्ञानिक का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसरो ने 2018 में गगनयान मिशन की घोषणा की थी। इसके बाद से इस मिशन के लिए ये वैज्ञानिक दिन-रात लगे थे। इसरो इससे पहले चंद्रयान-1, चंद्रयान-3, मंगलयान जैसे सफल मिशन को अंजाम दे चुका है। भारतीय स्पेस एजेंसी का गगनयान मिशन भी खास है, क्योंकि पहली बार इसरो इस मिशन के जरिए इंसानों को अंतरिक्ष में भेजेगा। इससे पहले जितने मिशन हुए हैं, उनमें इंसानों को अंतरिक्ष में नहीं भेजा गया था। और पढें: Gaganyaan Mission में इंसान से पहले ‘हाफ-ह्यूमनॉइड Vyommitra’ जाएगा अंतरिक्ष में, क्या है इसके पीछे ISRO का मास्टरप्लान?
गगनयान मिशन के लिए पहले टेस्ट फ्लाइट TV D1 के जरिए क्रू स्केप सिस्टम को टेस्ट किया गया। इसका मकसद अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले क्रू को सुरक्षित किस तरह धरती पर वापस लाया जाएगा, इसे टेस्ट किया गया। इस मिशन में धरती की कक्षा से 400 किलोमीटर ऊपर तीन क्रू मेंबर्स (वैज्ञानिकों की टीम) को तीन दिन के लिए भेजा जाएगा और उसे धरती पर वापस लाया जाएगा। क्रू मेंबर्स को एस्केप सिस्टम के जरिए बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित उतारा जाएगा। इसके लिए इसरो LVM3 लॉन्च वीकल का इस्तेमाल करेगा। और पढें: ISRO का बड़ा कारनामा, GSLV-F15 के साथ NVS-02 नेविगेशन सैटेलाइट की लॉन्च
गगनयान मिशन में इसरो चीफ एस सोमनाथ के साथ, एस उन्नीकृष्णनन नायर और वीआर ललिताम्बिका का अहम योगदान है। एस उन्नीकृष्णनन नायर फिलहाल विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के डायरेक्टर हैं और वीआर ललिताम्बिका इसरो की सीनियर साइंटिस्ट हैं। इनके अलावा गगनयान मिशन में इसरो के अन्य वैज्ञानिक का भी बड़ा योगदान है। हालांकि, इसरो ने इस मिशन की टीम के बारे में फिलहाल जानकारी रिवील नहीं की है। गगनयान मिशन को जब लॉन्च किया जाएगा, तब तक इसमें शामिल होने वाले वैज्ञानिकों की डिटेल सार्वजनिक की जा सकती है। और पढें: National Space Day: आज ही के दिन क्यों मनाया जा रहा नेशनल स्पेस डे, जानें इसके पीछे की पूरी कहानी
इससे पहले साल की शुरुआत में इसरो ने चार अंतरिक्षयात्रियों को गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर, रूस भेजा था। ये अंतरिक्षयात्री अभी भी भारत में ट्रेनिंग पर हैं। उम्मीद है कि इसरो इन्हीं में से क्रू मेंबर्स को गगनयान के साथ अंतरिक्ष में भेज सकता है। गगनयान मिशन के क्रू मेंबर्स को 2025 में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसरो अगले साल कई और टेस्ट फ्लाइट्स को अंतरिक्ष में भेजेगा, जिसके जरिए गगनयान के पहले, दूसरे और तीसरे ऑर्बिटल टेस्ट को अंजाम दिया जाएगा।