Gaganyaan Mission में इंसान से पहले ‘हाफ-ह्यूमनॉइड Vyommitra’ जाएगा अंतरिक्ष में, क्या है इसके पीछे ISRO का मास्टरप्लान?

क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला ह्यूमन अंतरिक्ष मिशन ‘Gaganyaan’ शुरू होने से पहले अंतरिक्ष में इंसान नहीं, बल्कि एक हाफ-ह्यूमनॉइड रोबोट ‘Vyommitra’ जाएगा? ISRO क्यों पहले रोबोट भेज रहा है और असली अंतरिक्ष यात्री कब जाएंगे? आइए जानते हैं इस मिशन की खास बातें।

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Sep 19, 2025, 08:52 PM (IST)

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Indian Space Research Organization (ISRO) अब अपने ह्यूमन अंतरिक्ष मिशन ‘Gaganyaan’ के और करीब पहुंच चुका है, लेकिन इंसानों को भेजने से पहले ISRO दिसंबर में होने वाले पहले परीक्षण मिशन में एक हाफ-ह्यूमनॉइड रोबोटVyommitra’ को अंतरिक्ष में भेजेगा। यह मिशन बिना इंसान वाला होगा, जिसमें असली अंतरिक्षयात्रियों की जगह Vyommitra बैठेगा। ISRO प्रमुख वी. नारायणन के अनुसार, यह कदम सुरक्षा और सभी सिस्टम्स की जांच के लिए बेहद जरूरी है। अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो अगले साल और भी दो बिना इंसान वाले मिशन लॉन्च किए जाएंगे। इससे ISRO को यह भरोसा होगा कि सभी टेक्नोलॉजी और सुरक्षा इंतजाम सही से काम कर रहे हैं। news और पढें: National Space Day: आज ही के दिन क्यों मनाया जा रहा नेशनल स्पेस डे, जानें इसके पीछे की पूरी कहानी

आखिर असली इंसान अंतरिक्ष में कब जाएंगे?

अब सवाल यह है कि आखिर असली इंसान अंतरिक्ष में कब जाएंगे? ISRO ने साफ किया है कि पहला ह्यूमन अंतरिक्ष मिशन 2027 की पहली तिमाही तक तैयार हो जाएगा। इसके लिए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन और प्रशिक्षण पहले ही किया जा चुका है। इन्हें भारत के पहले ‘Gaganyatri’ कहा जाएगा। इन Gaganyatri को भेजने से पहले लगातार अलग-अलग टेस्ट किए जा रहे हैं। हाल ही में ISRO ने सफलतापूर्वक पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01) पूरा किया, जिसमें पैराशूट सिस्टम से क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित तरीके से वापस लाने का प्रदर्शन किया गया। इस परीक्षण में भारतीय वायुसेना, नौसेना, DRDO और कोस्ट गार्ड का भी सहयोग रहा। news और पढें: ISRO ने नए साल के पहले दिन XPoSat सैटेलाइट की लॉन्च, जुटाएगी ब्लैक होल से जुड़ी जानकारी

Gaganyaan मिशन के लिए अब तक क्या तैयारियां हुई हैं?

दूसरी तरफ ह्यूमन अंतरिक्ष फ्लाइट के लिए जरूरी ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) का विकास और ग्राउंड टेस्टिंग पूरी हो चुकी है। इसी के साथ क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल के लिए प्रोपल्शन सिस्टम्स भी तैयार कर लिए गए हैं। ISRO ने इसके लिए जरूरी ढांचा भी बना लिया है, जिसमें Gaganyaan कंट्रोल सेंटर और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल शामिल हैं। इन सभी तैयारियों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि जब 2027 में असली Gaganyatri अंतरिक्ष की यात्रा पर निकलें तो उन्हें किसी भी तरह का खतरा न हो और मिशन पूरी तरह सफल रहे।

ISRO का अगला बड़ा कदम क्या है?

ISRO का यह मिशन सिर्फ इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके आगे भी बड़े लक्ष्य तय किए गए हैं। भारत ने 2035 तक अपना खुद का भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) बनाने की योजना बनाई है। इसके अलावा 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा पर उतारने की भी तैयारी है। Vyommitra के साथ दिसंबर में होने वाला Gaganyaan का पहला चरण भारत की इस लंबी अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत है। अगर यह मिशन सफल होता है, तो भारत उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जो अपने दम पर इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने में सक्षम हैं।