
DoT (Department of Telecommunications) ने देश में बढ़ते ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों पर लगाम लगाने के लिए नया टूल पेश किया है। यह Financial Fraud Risk Indicator (FRI) है, जो Digital Intelligence Platform (DIP) का हिस्सा है। बता दें कि इस प्लेटफॉर्म को साइबर फ्रॉड में शामिल संभावित मोबाइल नंबर से जुड़ी वार्निंग देने के लिए तैयार किया गया है।
DoT का FRI टूल संभावित फोन नंबर का अलर्ट भेजने के लिए वित्तीय संस्थानों, Chakshu, NCRP (National Cybercrime Reporting Portal), बैंक व डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म के अलग-अलग डेटा को एनालाइज करता है और उन्हें तीन कैटेगरी में बांट देता है, जिनमें मीडियम, हाई और वेरी हाई कैटेगरी शामिल है।
विभाग का मानना है कि इस टूल के आने से बैंक, NBFC और UPI सेवा प्रदान करने वाले प्लेटफॉर्म के लिए फ्रॉड में समम्लित मोबाइल नंबर को चिह्नित करना आसान हो जाएगा। इससे धोखाधड़ी के बढ़ते केस पर लगाम लगेगी और लोग सुरक्षित रहेंगे।
दूरसंचार विभाग का डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट हर तीन से चार दिन में Mobile Number Revocation लिस्ट जारी करता है, जिसमें बिना वेरिफिकेशन और साइबर धोखाधड़ी में शामिल मोबाइल नंबर होते हैं। ऐसे नंबर को लेकर FRI पहले अलर्ट भेजता है। इसके बाद DIP स्टेकहोल्डर द्वारा चिह्नित किए गए नंबर की जांच करके जोखिम का स्तर निर्धारित करता है। फिर यह जानकारी तुरंत सभी स्टेकहोल्डर को भेज दी जाती है।
सरकारी विभाग के अनुसार, FRI सिस्टम का उपयोग सबसे पहले ऑनलाइन पेमेंट ऐप PhonePe ने किया है। फोनपे ने बताया कि उसने अपने प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा रिस्क वाले नंबर को ब्लॉक किया और फोनपे प्रोटेक्ट फीचर के माध्यम से चेतावनी भी दी।
केवल फोनपे ही नहीं पेटीएम (Patym) और गूगल पे (Google Pay) जैसे प्लेटफॉर्म ने भी इस सिस्टम का उपयोग करना शुरू कर दिया है, जिससे अब भारत में लोगों की मेहनत की कमाई सुरक्षित रहेगी।
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