
भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल जितनी तेजी से हो रहा है, उतनी तेजी से साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़ रहे हैं। हालांकि, अब लोग ऑनलाइन ठगी के प्रति जागरुक हो गए हैं और इस तरह के घटना होने पर तुरंत शिकायत भी दर्ज करा रहे हैं। इस संबंध में बीते सोमवार को वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने इस बात की जानकारी दी कि 2021 में कितने साइबर अटैक के केस दर्ज किए गए।
वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने संसद में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो NCRB की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि 2021 में कुल 14007 साइबर धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए, जिनमें वो मामले भी शामिल हैं, जिनमें लोगों को ठगने के लिए ऑनलाइन ऐप का सहारा लिया गया।
राज्य मंत्री भागवत कराड ने बताया कि 1 अप्रैल 2022 से लेकर 31 मार्च 2023 के बीच RBI Ombudsman (ORBIOs) को लोन देने वाले ऐप्लिकेशन के खिलाफ 1,062 शिकायत मिली। उन्होंने आगे बताया कि धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए RBI ने 2022 में डिजिटल लैंडिंग के लिए रेगुलेटरी गाइडलाइन जारी की थी।
यह रेगुलेटरी फ्रेमवर्क इस सिद्धांत पर आधारित है कि लोन देने का कारोबार केवल उन ही संस्थाओं द्वारा किया जाएगा, जो इनका पालन करते हैं। इन गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है।
भागवत कराड ने बताया कि डिपॉसिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड स्कीम 2014 को RBI द्वारा अधिसूचित किया गया था, जो अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स और फंड के इस्तेमाल की डिटेल को कवर करती है। पिछले पांच वर्षों में कुल 5,729 करोड़ रुपये के अनक्लेम्ड डिपॉजिट को उनके असली मालिकों को वापस किया गया।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश के बैंकों के लिए पिछले साल ‘100 Days 100 Pays’ नाम के कैंपेन की शुरुआत की थी। इसके तहत हर बैंक के टॉप 100 अनक्लेम्ड डिपॉजिट को सेटल किया गया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार ने इस साल की शुरुआत में लोगों की शिकायत को ध्यान में रखकर 138 ऑनलाइन बेटिंग ऐप और 94 डिजिटल लोन मोबाइल ऐप को बैन किया था। इन सभी मोबाइल ऐप्लिकेशन पर चीन से जुड़े होने का आरोप लगा था।
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