Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Jul 22, 2025, 12:01 PM (IST)
10000mAh Battery Phones
स्मार्टफोन बाजार में अब बैटरी पावर को लेकर जबरदस्त कंपटीशन देखने को मिल रहा है। चीनी स्मार्टफोन कंपनियां जैसे Realme, Vivo, Xiaomi और Honor अगले साल 10000mAh बैटरी वाले स्मार्टफोन लॉन्च करने की तैयारी में हैं। Realme इस पावरफुल बैटरी के साथ फोन की घोषणा कर चुका है, हालांकि यह अभी बाजार में नहीं आया है। जानकारों के मुताबिक, यह ट्रेंड प्रीमियम ब्रांड्स जैसे Samsung, Apple और Google के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है, क्योंकि इन कंपनियों के फोन अभी भी 4000mAh से 5000mAh की बैटरी के साथ आते हैं।
अब सिर्फ प्रीमियम सेगमेंट ही नहीं, बल्कि बजट स्मार्टफोन्स में भी बड़ी बैटरियों का चलन बढ़ रहा है। हाल ही में Honor ने X70 फोन लॉन्च किया है, जिसमें 8300mAh की बैटरी है। इसी तरह POCO F7 5G में 7550mAh की बैटरी दी गई है, जिसे अब तक का सबसे पावरफुल गेमिंग फोन बताया जा रहा है। Vivo, OnePlus, Poco और iQOO जैसी कंपनियां भी अब 7000mAh या उससे ज्यादा की बैटरी वाले स्मार्टफोन बाजार में ला रही हैं। इससे साफ है कि यूजर्स की डिमांड अब लंबे समय तक चलने वाले फोन्स की ओर बढ़ रही है।
पहले बड़ी बैटरी लगाने से फोन भारी और मोटे हो जाते थे, जिससे कंपनियां इससे बचती थीं। लेकिन अब चीनी कंपनियां ‘सिलिकन-कार्बन बैटरी’ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे फोन हल्के और पतले रहकर भी बड़ी बैटरी फिट की जा सकती है। जैसे Honor ने एक नया फोन लॉन्च किया है जिसकी मोटाई सिर्फ 7.76mm है, फिर भी इसमें बड़ी बैटरी दी गई है। इस टेक्नोलॉजी से मोबाइल का मुख्य सर्किट बोर्ड छोटा हो जाता है, जिससे अंदर अधिक बैटरी स्पेस मिल जाता है।
दूसरी तरफ Samsung, Apple और Google जैसी कंपनियां अब भी पुरानी लिथियम-आयन बैटरियों पर निर्भर हैं। इनके कारण ना तो बैटरी ज्यादा क्षमता वाली होती है और ना ही डिजाइन में ज्यादा छूट मिलती है। जैसे Samsung Galaxy S25 में सिर्फ 4000mAh की बैटरी है और इसकी कीमत करीब ₹75,000 है। वहीं चीनी कंपनियां ₹10,000 की कीमत में ही 6000mAh से ज्यादा बैटरी वाले फोन दे रही हैं। इससे यूजर्स को बार-बार चार्जिंग की जरूरत नहीं पड़ती और कम दाम में ज्यादा सुविधा मिलती है। चीनी कंपनियों की यह नई स्ट्रैटेजी स्मार्टफोन इंडस्ट्री की दिशा बदल सकती है। अब देखना यह है कि प्रीमियम ब्रांड्स इस चुनौती का जवाब कैसे देते हैं।