
चीन की मशहूर ऐप्स जैसे TikTok, WeChat और AliExpress एक बार फिर विवादों में हैं। यूरोप की एक प्राइवेसी ग्रुप noyb (None of Your Business) ने इन ऐप्स के खिलाफ यूरोपीय यूनियन (EU) में शिकायत दर्ज कराई है। इस ग्रुप का कहना है कि ये ऐप्स यूजर्स का निजी डेटा चोरी कर रही हैं और EU के सख्त प्राइवेसी नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। EU के नियमों के अनुसार, हर यूजर को अपना डेटा डाउनलोड करने का अधिकार होना चाहिए, लेकिन इन ऐप्स में ऐसा कोई फीचर नहीं है। अगर यह शिकायत साबित होती है तो इन ऐप्स को यूरोप में बैन किया जा सकता है, जैसा पहले भारत में 2020 के बाद कई चीनी ऐप्स पर हुआ था।
noyb का कहना है कि TikTok, WeChat और AliExpress जैसे चीनी ऐप्स यूजर्स को उनका खुद का डेटा एक्सेस करने की सुविधा नहीं देते। यह यूरोपीय डेटा सुरक्षा कानून (GDPR) का सीधा उल्लंघन है। आमतौर पर फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर आप अपना पूरा डेटा डाउनलोड कर सकते हैं, लेकिन इन चीनी ऐप्स में यह सुविधा नहीं है। इससे यूजर्स को यह पता नहीं चल पाता कि उनका डेटा कैसे और कहां इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा इन ऐप्स पर यह भी आरोप है कि वे यूजर्स का डेटा इकट्ठा करके उसे चीन भेजते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय डेटा ट्रांसफर कानूनों का उल्लंघन हो सकता है।
noyb ग्रुप पहले भी कई बार बड़े टेक कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर चुका है। उन्होंने पहले Apple और Alphabet (Google की पैरेंट कंपनी) जैसे अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ भी डेटा प्राइवेसी से जुड़ी शिकायतें की हैं। अब उनका फोकस चीनी ऐप्स पर है, जिन पर अवैध रूप से डेटा ट्रांसफर करने का आरोप है। अभी तक noyb ने छह चीनी कंपनियों के खिलाफ EU में शिकायत दर्ज की है। अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो इन कंपनियों पर भारी जुर्माना लग सकता है या फिर इन्हें यूरोप से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
यह पहली बार नहीं है जब चीनी कंपनियों पर डेटा चोरी के आरोप लगे हों। पहले भी कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ये कंपनियां यूजर का डेटा सुरक्षित तरीके से स्टोर नहीं करतीं। भारत में पहले ही दर्जनों चीनी ऐप्स को बैन किया जा चुका है। अब यूरोप में भी अगर इन पर कार्रवाई होती है तो यह एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय कदम होगा। इससे चीन की टेक कंपनियों की साख पर असर पड़ेगा और दूसरे देशों में भी इन पर सख्ती बढ़ सकती है। चीनी ऐप्स पर लग रहे डेटा चोरी के आरोप न सिर्फ यूजर्स की प्राइवसी के लिए खतरनाक हैं, बल्कि ये अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी उल्लंघन करते हैं। अगर जांच में आरोप सही पाए गए तो यूरोप में इनके बैन होने की संभावना बढ़ जाएगी।
Author Name | Ashutosh Ojha
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