Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Oct 29, 2025, 05:56 PM (IST)
Bharat Taxi
देश में ऐप-आधारित टैक्सी सेवाओं के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आने वाला है। केंद्र सरकार की नई पहल ‘भारत टैक्सी’ (Bharat Taxi), जिसे ‘सहकार टैक्सी (Sahkar Taxi)’ भी कहा जा रहा है, नवंबर 2025 से दिल्ली में शुरू होने जा रही है। इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि इसमें टैक्सी ड्राइवर खुद अपने वाहन के मालिक होंगे और कमाई का पूरा हिस्सा उन्हें ही मिलेगा। News18 की रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना को Union Ministry of Cooperation और National e-Governance Division (NeGD) मिलकर चला रहे हैं। शुरूआती चरण में 650 टैक्सियां चलाई जाएंगी जिन्हें ड्राइवर खुद चलाएंगे और खुद ही मालिक होंगे, अगर यह मॉडल सफल रहता है तो दिसंबर 2025 से इसे देश के बाकी बड़े शहरों में भी लागू किया जाएगा।
भारत टैक्सी का मुख्य उद्देश्य निजी कंपनियों जैसे OLA और UBER के एकाधिकार को खत्म करना और ड्राइवरों को उनके हक का हिस्सा देना है। इस नई सेवा को ‘सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड’ द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसकी स्थापना जून 2025 में 300 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी से की गई थी। इस मॉडल में ड्राइवर सीधे अपनी गाड़ी (चाहे वह कार हो, ऑटो हो या बाइक) को रजिस्टर कर सकेंगे। इस व्यवस्था में किसी भी बिचौलिए की भूमिका नहीं होगी, जिससे पूरा किराया सीधे ड्राइवर के खाते में जाएगा। सरकार का कहना है कि किराया पूरी तरह पारदर्शी और न्यायसंगत होगा और इसकी नियमित निगरानी की जाएगी ताकि यात्रियों को सस्ती और भरोसेमंद सेवा मिल सके।
दिल्ली में भारत टैक्सी का ट्रायल सफल रहने के बाद अब इसे देश के दूसरे शहरों जैसे मुंबई, पुणे, भोपाल, लखनऊ और जयपुर में शुरू करने की योजना है। शुरुआत में करीब 5000 ड्राइवर (महिला और पुरुष दोनों) इस योजना से जुड़ेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक 20 बड़े शहरों में यह सेवा शुरू हो जाए और 2030 तक एक लाख ड्राइवर इस मिशन का हिस्सा बनें। इस मॉडल से लोगों को ज्यादा रोजगार के मौके मिलेंगे और ड्राइवरों को स्थायी और सम्मानजनक कमाई का साधन मिलेगा। इस सहकारी व्यवस्था में हर ड्राइवर मालिक भी होगा, मुनाफे में हिस्सा भी पाएगा और निर्णय लेने में भागीदारी भी करेगा जो निजी कंपनियों में आमतौर पर संभव नहीं होता।
भारत टैक्सी की यह पहल ऐसे समय पर शुरू हो रही है जब OLA और UBER जैसी कंपनियों पर मनमाने किराये और साफ जानकारी न देने के आरोप लग रहे हैं। कई लोगों ने शिकायत की थी कि एक ही रास्ते का किराया अलग-अलग फोन (जैसे Android और iPhone) पर अलग दिखता है। इन दिक्कतों को खत्म करने के लिए सरकार ने यह नई सहकारी टैक्सी सेवा शुरू की है। इसमें किराया तय करने और टैक्सी चलाने की जिम्मेदारी ड्राइवरों की अपनी संस्था के पास होगी, ताकि सब कुछ पारदर्शी और भरोसेमंद हो। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि यह योजना ‘सहकार से समृद्धि’ के सपने को सच करने की दिशा में बड़ा कदम है। भारत टैक्सी न सिर्फ ड्राइवरों की जिंदगी बदलेगी, बल्कि देश के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में आत्मनिर्भरता और समानता की नई मिसाल बनेगी।