Written By Harshit Harsh
Edited By: Harshit Harsh | Published By: Harshit Harsh | Published: Aug 04, 2023, 06:00 PM (IST)
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Apple, Samsung, HP ने केन्द्र सरकार द्वारा लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कम्प्यूटर के इंपोर्ट पर रोक लगाने के बाद अपने प्रोडक्ट मंगाने बंद कर दिए। सरकार के आदेश के बाद इन तीनों कंपनियों ने अपनी सभी शिपमेंट को रद्द कर दी है। सरकार का यह कदम लोकल मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। टेक कंपनियां इन प्रोडक्ट्स को केवल रिसर्च और डेवलमेंट जैसे कामों के लिए बाहर से इंपोर्ट कर सकती हैं। इसके लिए उन्हें सरकार से जरूरी लाइसेंस लेना पड़ेगा। और पढें: Diwali 2025: प्रीमियम लैपटॉप पर मिल रही बंपर Deal, 50000 से कम में लाएं आज घर
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, एप्पल, सैमसंग और HP ने तत्काल प्रभाव से अपने लैपटॉप, टैबलेट और पीसी के इंपोर्ट पर रोक लगा दी है। हालांकि, इन कंपनियों की तरफ से इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सरकार के इस कदम से लैपटॉप, पीसी और टैबलेट बनाने वाले ग्लोबल ब्रांड्स की इंवेटरी पर इसका असर देखने को मिल सकता है। और पढें: Flipkart Diwali Sale 2025: कब शुरू होगी और क्या-क्या मिलेंगे ऑफर?
ज्यादातर ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट्स बाहर से ही इंपोर्ट करते हैं, जिसकी वजह से आने वाली त्योाहरी सीजन में प्रोडक्ट्स की सेल और स्टॉर पर भी असर पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, फेस्टिव सीजन और स्कूल में होने वाले डिमांड को देखते हुए टेक कंपनियां लैपटॉप, टैबलेट आदि के इंपोर्ट का लाइसेंस लेने की तैयारी में है। और पढें: Flipkart Sale 2025: Apple के इस प्रीमियम लैपटॉप पर भारी डिस्काउंट, खरीदें 64 हजार से भी कम में
मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स के मुताबिक, भारत में लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कम्प्यूटर और सर्वर के इंपोर्ट को HSN 8741 के तहत बैन किया गया है। इन प्रोडक्ट्स को केवल वैलिड लाइसेंस के तहत इंपोर्ट करने की अनुमति मिलेगी। यह प्रतिबंध केवल पोस्ट और कुरियर के जरिए इन प्रोडक्ट्स को इंपोर्ट करने पर लगा है। बैगेज के जरिए इन्हें इंपोर्ट करने पर किसी तर का रोक नहीं लगा है। कंपनियों को केवल आयात शुल्क देना होता है।
सरकार लोकल मैन्युफैक्चरिंग और मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्ट्स को भारत में बनाने पर जोड़ दे रही है। सरकार द्वारा यह प्रतिबंध लगाने से भारत आने वाले दिनों में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है। मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स ऐसे 20 आइटम्स के लिए लाइसेंस जारी करेगी, जिनका इस्तेमाल बेंचमार्किंग, टेस्टिंग, रिपेयर, प्रोडक्ट मेकिंग आदि के लिए किया जाएगा। काम पूरा होने के बाद इंपोर्ट करने वाली कंपनी को इन प्रोडक्ट्स को नष्ट करना होगा।