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Android फोन्स में आया खतरनाक मैलवेयर, डेटा और बैटरी के लिए है बड़ा खतरा

सिक्योरिटी फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक, Guerrilla नाम के मैलवेयर को डिटेक्ट किया गया है, जो एंड्रॉइड यूजर्स का डेटा चुराने के साथ बैटरी यूसेज को बढ़ा देता है। इससे सबसे ज्यादा अंगोला, अर्जेंटीना, भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, रूस, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, फिलीपींस और अमेरिका के डिवाइस प्रभावित हुए हैं।

Published By: Ajay Verma

Published: May 22, 2023, 01:10 PM IST

malware

Story Highlights

  • Guerrilla मैलवेयर को कई फोन्स में डिटेक्ट किया गया है।
  • यह मैलवेयर यूजर का निजी डेटा चुराने के साथ बैटरी यूसेज को बढ़ाता है।
  • यह व्हाट्सऐप को भी कंट्रोल करने में सक्षम है।

आज के समय में स्मार्टफोन का इस्तेमाल बढ़ने के साथ डेटा चोरी की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। हैकर्स अलग-अलग तरीकों का उपयोग करके लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। इन ही में से एक तरीका मैलवेयर है, जिसके जरिए हैकर यूजर का सारा डेटा चुरा लेते हैं। इससे जुड़ी एक नई रिपोर्ट सामने आई है। इससे नए मैलवेयर ‘Guerrilla’ का पता चला है, जो यूजर का डेटा लीक करने के साथ-साथ बैटरी की यूसेज को बढ़ा देता है और लगातार ऐड दिखाने लगता है। इससे भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, थाईलैंड, रूस और अमेरिका सहित कई देशों के एंड्रॉइड फोन प्रभावित हैं।

8.9 मिलियन एंड्रॉइड फोन हैं प्रभावित

सिक्योरिटी फर्म Trend Micro ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि लगभग 8.9 मिलियन एंड्रॉइड फोन गुरिल्ला मैलवेयर से प्रभावित हैं। यह मैलवेयर Triada मैलवेयर से मिलता-जुलता है, जिसे साल 2016 में डिटेक्ट किया गया था।

बढ़ाता है बैटरी की यूसेज

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि गुरिल्ला मैलवेयर स्मार्टफोन की यूसेज को बहुत बढ़ा देता है, जिससे बैटरी तेजी से खत्म होने लगती है। इसके अलावा, फोन की प्रोसेसिंग स्पीड भी स्लो हो जाती है और यूजर्स को लगातार विज्ञापन दिखने लगते हैं।

हालांकि, रिपोर्ट में मैलवेयर से प्रभावित किसी भी फोन के नाम या उसके मॉडल नंबर का उल्लेख नहीं किया गया है। बता दें कि इस मैलवेयर को साल 2018 में पहली बार कई ऐप्स में स्पॉट किया गया था, जिन्हें गूगल प्ले-स्टोर से डाउनलोड किया गया था।

Lemon ग्रुप ने तैयार किया मैलवेयर

ट्रेंड माइक्रो की रिपोर्ट के मुताबिक, Guerrilla मैलवेयर को लेमन ग्रुप ने तैयार किया है। यह कमांड एंड कंट्रोल सर्वर के जरिए शिकार हुए यूजर के फोन में अन्य मैलिशियस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करके डेटा चुरा लेता है। वहीं, यह मैलवेयर पॉपुलर मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप (WhatsApp) को भी कंट्रोल करने में सक्षम है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया और नॉर्थ अमेरिका के स्मार्टफोन क्रमशः 55.26 प्रतिशत और 16.93 प्रतिशत प्रभावित हुए हैं। मालवेयर से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अंगोला, अर्जेंटीना, भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, रूस, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, फिलीपींस और अमेरिका हैं।

साल की शुरुआत में मिले 203 मैलवेयर वाले ऐप

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल की शुरुआत में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी और थाईलैंड के डिजिटल अर्थव्यवस्था व समाज मंत्रालय ने ऐसे 203 ऐप का पता लगाया था, जो मैलवेयर से प्रभावित थे।

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रिपोर्ट में बताया गया कि ये ऐप यूजर का निजी डेटा चुरा रहे थे। साथ ही, यूजर की बैकिंग डिटेल भी लीक कर रहे थे। अब इन मोबाइल ऐप्स को गूगल प्ले-स्टोर से हटा दिया गया है।

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Author Name | Ajay Verma

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