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Airtel और Jio जैसी कंपनियों के लिए बढ़ी मुश्किलें, अपने यूजर्स को देना होगा पैसा

Airtel, Jio, Vodafone Idea (Vi) जैसी टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक नया ऑर्डर जारी किया गया है। Trai के अनुसार, इन कंपनियों को अपने यूजर्स से लिया गया अधिक चार्ज वापस करना होगा।

Published By: Mona Dixit | Published: Sep 16, 2023, 11:57 AM (IST)

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Highlights

  • Airtel जैसी कंपनियों अपने यूजर्स को वापस करेंगी उनका पैसा।
  • टेलीकॉम कंपनियों पर एक पैनल ऑडिट करेगा।
  • कंपनियों को तीन महीने के अंदर पैसे देने होंगे।
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Airtel, Vodafone Idea (Vi) और Jio जैसे टेलीकॉम कंपनियों के लिए समस्या बढ़ गई है। अब इन भारतीय दूरसंचार ऑपरेटरों को अपने-अपने यूजर्स को पैसे देने होंगे। कंपनियों को यूजर्स से लिए गए एडिशनल चार्ज को अब उन्हें वापस करना होगा। टेलीकॉम ऑपरेटर पर इस संबंध में एक पैनल द्नारा ऑडिट की जाएगी। अगर वह सही साबित हुई तो कंपनियों को अपने यूजर्स को वापस देने होंगे। इसके लिए उन्हें निश्चित समय दिया जाएगा। आइये, डिटेल में जानते हैं। news और पढें: अंडमान और निकोबार आइलैंड बनेगा ग्लोबल इंटरनेट हब, अश्विनी वैष्णव ने किया बड़ा ऐलान

Airtel, Vodafone Idea (Vi) और Jio को वापस करने होंगे पैसे

ET की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, टेलीकॉम रेगुलेटर बॉडी TRAI ने एक आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक, अगर ऑडिट से यह साबित होता है कि टेलीकॉम कंपनियों ने अपने यूजर्स से अधिक चार्ज लिया है तो टेलीकॉम कंपनियों को यूजर्स का पैसा वापस करना होगा। कंपनियों को ऑडिटर से स्लिप मिलने के 3 महीनों के भीतर ही पैसे रिफंड करने होंगे। news और पढें: Airtel का 77 दिन चलने वाला प्लान, मिलेगा कॉलिंग-डेटा

रिपोर्ट की मानें तो 11 सितंबर, 2023 के ‘क्वालिटी ऑफ सर्विस (मीटरिंग और बिलिंग सटीकता के लिए कॉड ऑफ प्रैक्टिस) विनियम, 2023 में इस ऑडिट का आदेश जारी किया गया है। यदि टेलीकॉम कंपनियां रिपोर्ट नहीं दे पाते हैं तो उन्हें वित्तीय दंड देगा पड़ेगा, जो कि उन पर भारी पड़ सकता है।

हर रिपोर्ट के लिए देने होंगे लाखों रुपये

कंपनियों को हर रिपोर्ट के लिए 50 लाख रुपये तक देने होंगे। ट्राई ने ऑडिटरों के एक पैनल को रिकमंड किया है और टेलीकॉम कंपनियों को अपने अकाउंट का ऑडिट कराने के लिए इसका यूज करना होगा।

अथॉरिटी का कहना है कि ऐसे किसी भी कन्युनिकेशन में एक हफ्ते से ज्यादा का समय नहीं लगना चाहिए। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर ऑडिटर्स को ब्योरा शेयर करने में देरी होती है तो कंपनियों को कोई जुर्माना नहीं देना होगा।

कम हुई कंपनियों का बोझ

हालांकि, TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों का बोझ भी कम कर दिया है। प्रत्येक LSA (लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्र) के लिए प्रति वित्तीय वर्ष में चार ऑडिट की संख्या को घटा दिया गया है। अब प्रत्येक एलएसए के लिए कुल चार ऑडिट को घटाकर प्रति वित्तीय वर्ष में एक ऑडिट कर दिया गया है।

ग्राहकों के हितों को सबसे ऊपर रखा जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को सबसे लोकप्रिय 15 टैरिफ के बजाय अपने अधिकतम टैरिफ का ऑडिट कराने का आदेश भी दिया है।