Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Oct 29, 2025, 04:50 PM (IST)
aadhar card
देशभर के करोड़ों आधार कार्ड धारकों के लिए बड़ी खबर है। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) 1 नवंबर 2025 से आधार अपडेट के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। अब लोगों को नाम, पता, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर या ईमेल जैसी जानकारी बदलवाने के लिए आधार केंद्रों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। नया सिस्टम इतना आसान और डिजिटल होगा कि ये सारे काम अब घर बैठे ऑनलाइन किए जा सकेंगे। UIDAI का कहना है कि यह बदलाव डेटा की सुरक्षा, सटीकता और सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। और पढें: e-Aadhaar App भारत में जल्द होगा लॉन्च, फिर मोबाइल से ही करें आधार अपडेट, नहीं जाना पड़ेगा केंद्र
UIDAI ने एक नया ‘इंटीग्रेटेड वेरिफिकेशन सिस्टम’ शरू करने की घोषणा की है। इस सिस्टम के जरिए अब आधार में अपडेट की जाने वाली जानकारी बाकी सरकारी डेटाबेस जैसे PAN कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र से ऑटोमेटिक रूप से मैच होगी। इससे गलत जानकारी डालने या मैन्युअल एंट्री की गलती की संभावना काफी कम हो जाएगी। UADAI का दावा है कि इस सिस्टम के आने से आधार डेटा पहले से ज्यादा भरोसेमंद, सरक्षित और अपडेटेड रहेगा। साथ ही ऑनलाइन प्रक्रिया के कारण लोगों को अपने दस्तावेजों की बार-बार फिजिकल कॉपी जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
UIDAI ने 1 नवंबर से फीस स्ट्रक्चर में भी बदलाव किया है। अब अगर कोई व्यक्ति अपने आधार कार्ड में नाम, पता, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर या ईमेल जैसी डेमोग्राफिक जानकारी अपडेट करना चाहता है तो उसे ₹75 शुल्क देना होगा। वहीं अगर किसी को अपने फिंगरप्रिंट, आइरिस या फोटो जैसे बायोमेट्रिक डेटा को अपडेट करना है तो ₹125 रुपये देने होंगे। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति अपना आधार कार्ड रीप्रिंट कराना चाहता है तो उसे केंद्र पर ₹75 और ऑनलाइन आवेदन करने पर ₹40 देने होंगे। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और आसान होगी ताकि हर नागरिक बिना किसी परेशानी के अपना डेटा अपडेट कर सके।
UADAI ने बच्चों के लिए भी एक बड़ा फैसला किया है। अब 5 से 7 साल और 15 से 17 साल की उम्र में अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट पूरी तरह मुफ्त होगा। यानी बच्चों के माता-पिता को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों के बढ़ते उम्र के साथ उनके बायोमेट्रिक डेटा को सही तरीके से अपडेट किया जा सके। UADAI ने यह भी स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड नागरिकता या जन्मतिथि का वैध प्रमाण नहीं है, यह केवल पहचान का प्रमाण (Proof of Identity) है। कुल मिलाकर, UIDAI का यह नया कदम ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन को और मजबूत करेगा। नया नियमों से आधार कार्ड अपडेट की प्रक्रिया न केवल आसान बल्कि सुरक्षित और पारदर्शी बन जाएगी ।