Written By Ashutosh Ojha
Edited By: Ashutosh Ojha | Published By: Ashutosh Ojha | Published: Nov 10, 2025, 10:39 AM (IST)
Apple अब अपने iPhone यूजर्स के लिए एक बड़ा बदलाव लाने जा रहा है। कंपनी ऐसे सैटेलाइट-आधारित फीचर्स पर काम कर रही है जिससे यूजर्स अपने फोन को बिना मोबाइल नेटवर्क के भी इस्तेमाल कर पाएंगे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, Apple अब Apple Maps और Messages ऐप को सैटेलाइट कनेक्टिविटी से जोड़ने की तैयारी कर रहा है। इसका मतलब है कि भविष्य में यूजर्स किसी भी दूरदराज इलाके या बिना सिग्नल वाले क्षेत्र में भी रास्ता ढूंढ सकेंगे या मैसेज भेज पाएंगे। Apple का मकसद है कि iPhones को ऐसे हालात में भी काम करने लायक बनाया जाए, जहां सामान्य नेटवर्क उपलब्ध नहीं होता।
दरअसल Apple ने साल 2022 में iPhone 14 सीरीज के साथ ‘Emergency SOS via Satellite’ फीचर पेश किया था, जिससे यूजर्स बिना नेटवर्क के भी इमरजेंसी टीम से संपर्क कर सकते थे। बाद में इसमें रोडसाइड असिस्टेंस का ऑप्शन भी जोड़ा गया ताकि गाड़ियों में फंसे यूजर्स को मदद मिल सके। अब कंपनी इसी टेक्नोलॉजी को और आगे बढ़ाते हुए डेली यूज वाले ऐप्स जैसे कि Maps और Messages को भी ऑफ-ग्रिड यानी नो नेटवर्क की स्थिति में चलाने पर काम कर रही है। इसके लिए Apple की इंटरनल Satellite Connectivity Group नई टेक्नोलॉजी विकसित कर रही है, जो iPhones को सीधे सैटेलाइट से जोड़ सकेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, Apple Globalstar नाम की सैटेलाइट ऑपरेटर के साथ मिलकर यह प्रोजेक्ट चला रहा है, जो अभी इसके SOS फीचर्स को भी सपोर्ट करता है। हालांकि Globalstar का नेटवर्क SpaceX के Starlink जितना बड़ा नहीं है लेकिन Apple के लिए यह काफी है। अब कंपनी Globalstar के नेटवर्क को अपग्रेड करने में निवेश कर रही है ताकि आने वाले फीचर्स को सपोर्ट किया जा सके। Apple इंजीनियर्स एक नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं जिसे ‘Natural Usage’ कहा जा रहा है। फिलहाल यूजर्स को सैटेलाइट सिग्नल पाने के लिए फोन को आसमान की ओर करना पड़ता है लेकिन आने वाले सिस्टम में यह जरूरत खत्म हो जाएगी, यानी फोन जेब, कार या बैग में रखते हुए भी सैटेलाइट से जुड़ा रहेगा।
भविष्य के iPhones में 5G NTN (Non-Terrestrial Networks) का सपोर्ट भी देखने को मिल सकता है, जिससे मोबाइल टावर और सैटेलाइट दोनों मिलकर कवरेज देंगे। इसका फायदा खासकर भारत जैसे देशों में होगा, जहां ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की दिक्कत रहती है। Apple सिर्फ अपने ऐप्स तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि एक ऐसा फ्रेमवर्क बना रहा है जिससे थर्ड-पार्टी ऐप डेवलपर्स भी सैटेलाइट कनेक्शन का इस्तेमाल कर सकें। इससे ट्रैवलिंग, हेल्थ या सेफ्टी से जुड़े ऐप्स भी इंटरनेट के बिना काम कर पाएंगे। वहीं SpaceX, T-Mobile, Verizon और AT&T जैसी कंपनियां भी इसी दिशा में काम कर रही हैं, जिससे Apple को कंपटीशन मिल रहा है। फिलहाल Apple का फोकस सैटेलाइट बेस्ड मैसेजिंग और फोटो शेयरिंग बढ़ाने पर है। कंपनी अभी कॉल या वेब ब्राउजिंग की सुविधा नहीं ला रही, लेकिन टेक्नोलॉजी की प्रगति को देखते हुए यह दिन दूर नहीं जब iPhones पूरी तरह से ऑफ-ग्रिड कम्युनिकेशन डिवाइस बन जाएंगे।