
Call of Duty: WWII एक मशहूर शूटिंग गेम है, जिसे हाल ही में Microsoft Store और PC Game Pass से हटा दिया गया है। यह गेम जून 2025 में ही Game Pass में शामिल किया गया था, लेकिन अब इसे हटाने की बड़ी वजह सामने आई है। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गेम के जरिए हैकर्स PC यूजर्स के सिस्टम पर कंट्रोल पा रहे थे। इस साइबर खतरे की वजह से Activision ने गेम को हटा दिया है, हालांकि कंपनी ने आधिकारिक तौर पर कोई वजह नहीं बताई है।
PC गेमर्स ने सोशल मीडिया पर इसको लेकर गंभीर चिंताएं जताई हैं। कुछ यूजर्स ने बताया कि उनका कंप्यूटर अचानक फ्रीज हो गया और उनके डेस्कटॉप वॉलपेपर भी अपने आप बदल गए। ये संकेत इस बात के हैं कि बाहरी कंट्रोल से सिस्टम में छेड़छाड़ हो रही थी। साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि गेम में कोई ऐसा कोड इंजेक्ट किया गया हो सकता है जिससे हैकर्स को रिमोट एक्सेस मिल गया।
Call of Duty: WWII servers had an emergency shut down just days after it got added to Game Pass
Many players claim they had control of their PC stolen in the middle of matches by hackers pic.twitter.com/mcCgC1fgfo
— Dexerto (@Dexerto) July 6, 2025
सूत्रों की मानें तो ऐसा लगता है कि Game Pass पर जो Call of Duty: WWII गेम डाला गया था, उसमें पुराना और कमजोर सिक्योरिटी वाला कोड हो सकता है। अगर यह सही है, तो यह एक बड़ी लापरवाही मानी जाएगी। पुराने कोड या बग्स को बिना अपडेट किए गेम को फिर से लॉन्च करना, खासकर इतने बड़े प्लेटफॉर्म पर, सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक हो सकता है।
फिलहाल Call of Duty: WWII Microsoft Store और Game Pass से पूरी तरह गायब है। Activision ने अभी तक कोई पक्का अपडेट या सिक्योरिटी फिक्स की जानकारी नहीं दी है। जो खिलाड़ी पहले से गेम इंस्टॉल किए हुए हैं, उन्हें भी सलाह दी जा रही है कि जब तक कोई आधिकारिक अपडेट न आए, गेम को अनइंस्टॉल कर दें। गेमर्स और साइबर एक्सपर्ट्स अब Activision से मजबूत सिक्योरिटी प्रोटोकॉल की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं।
Author Name | Ashutosh Ojha
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