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Tinder में जल्द आने वाला है ‘Chemistry’ AI फीचर, फोटो देखकर बताएगा कौन है आपके लिए सही साथी

दुनिया का मशहूर डेटिंग ऐप Tinder जल्द ही लॉन्च करने जा रहा है नया AI फीचर ‘Chemistry’। यह फीचर आपकी फोटो और पसंद देखकर बताएगा कि कौन है आपके लिए परफेक्ट मैच, लेकिन क्या इससे आपकी प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है? आइए जानते हैं...

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Nov 06, 2025, 03:26 PM (IST)

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दुनिया का सबसे मशहूर डेटिंग ऐप Tinder अब AI की मदद से यूजर्स के लिए और सटीक मैच ढूंढने की तैयारी में है। कंपनी ने एक नया AI फीचर लॉन्च किया है, जिसका नाम ‘Chemistry’ रखा गया है। यह फीचर यूजर्स की पर्सनैलिटी और पसंद को समझने के लिए उनके जवाबों के साथ-साथ उनकी फोटो गैलरी का विश्लेषण करेगा। Tinder इस फीचर को फिलहाल न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट कर रहा है लेकिन 2026 तक इसे पूरी दुनिया में लागू किया जाएगा। कंपनी को उम्मीद है कि यह फीचर न सिर्फ मैचिंग को बेहतर बनाएगा बल्कि घटती सब्सक्रिप्शन संख्या को भी बढ़ाने में मदद करेगा। news और पढें: AI मैचमेकर से मिल रहा है सच्चा प्यार, भारतीय मूल की नंदिनी मुळाजी ने शुरू किया नया App

क्या है Tinder का नया ‘Chemistry’ फीचर?

Tinder का यह फीचर यूजर्स की पर्सनैलिटी, रुचियों और लाइफस्टाइल को समझकर उन्हें बेहतर पार्टनर सुझाने के लिए बनाया गया है। अगर किसी की फोटो में पहाड़, सर्फिंग या ट्रेकिंग जैसी एक्टिविटीज दिखाई देती हैं, तो ऐप ऐसे लोगों से मैच करवाने की कोशिश करेगा जिनकी रुचियां मिलती-जुलती हों। इस तरह AI सिर्फ प्रोफाइल फोटो या बायो देखकर नहीं बल्कि पूरे यूजर व्यवहार को समझकर मैचिंग करेगा ताकि लोग सिर्फ स्वाइप तक सीमित न रहें बल्कि असली कनेक्शन महसूस करें।

क्या Tinder की फोटो गैलरी एक्सेस से खतरे में है प्राइवेसी?

हालांकि यह फीचर सुनने में शानदार लगता है, लेकिन इसके साथ सबसे बड़ा मुद्दा है डेटा प्राइवेसी। फोटो गैलरी तक एक्सेस देने का मतलब है कि Tinder यूजर्स की निजी तस्वीरें, लोकेशन, दोस्तों और यहां तक कि रोजमर्रा की एक्टिविटीज तक झांक सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भले ही यह एक्सेस ‘यूजर की अनुमति’ से मिले, लेकिन बाद में इन डाटा का इस्तेमाल कैसे और कितने समय तक होगा, यह हमेशा स्पष्ट नहीं रहता। यही वजह है कि कई लोग इस फीचर को लेकर सतर्क हैं।

क्यों बढ़ रही है Tinder की AI पर निर्भरता और क्या यह कामयाब होगा?

Tinder का AI की ओर झुकाव सिर्फ रोमांस तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कंपनी की आर्थिक रणनीति का भी हिस्सा है। पिछले दो सालों से ऐप के पेड सब्सक्राइबर घट रहे हैं, इसलिए कंपनी अब टेक्नोलॉजी के सहारे नई शुरुआत चाहती है। Tinder पहले ही कई जगह AI का इस्तेमाल शुरू कर चुका है, जैसे आपत्तिजनक मैसेज भेजने से पहले चेतावनी देना, प्रोफाइल के लिए सबसे बेहतर फोटो चुनने में मदद करना और बातचीत शुरू करने के लिए स्मार्ट प्रॉम्प्ट्स देना। CEO स्पेंसर रासकॉफ का कहना है कि ‘AI, Tinder के भविष्य का अहम हिस्सा बनेगा।’ अब देखना यह है कि क्या AI सच में लोगों के बीच ‘केमिस्ट्री’ पैदा कर पाएगा या फिर यह सिर्फ एक और एल्गोरिदमिक गेम बनकर रह जाएगा।